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सुनीता आठवीं कक्षा की छात्रा थी। एकांत में वह मोबाइल पर फेसबुक पर चैटिंग करती थी। इसी दौरान उसे एक लड़के से प्यार हो गया। संयोग से वह लड़का संजीव उसी शहर का रहनेवाला निकल गया। फिर क्या था, दोनों का धीरे-धीरे मिलना-जुलना शुरू हो गया। धीरे-धीरे सुनीता अन्य लड़कों से भी मिलने लगी। इसके बाद सुनीता ने एक लड़के से भागकर शादी कर ली। इसके करीब तीन साल बाद जब सुनीता की तबीयत खराब हुई तो मां उसे लेकर डॉक्टर के पास पहुंची। डॉक्टर ने बताया कि उनकी बेटी एचआइवी पॉजीटिव हो गई है। डॉक्टर साहब के मुंह से यह बात सुनकर उसकी मां ने माथा ठोक लिया। यह कहानी अकेले सुनीता की नहीं है। झांसे में आकर आज कई लड़कियां पारिवारिक परामर्श केंद्र न्याय पाने के लिए भटक रहीं है।
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न्याय को भटक रही सरिता
मिस कॉल के चक्कर में नाबालिग सरिता ने अपने से दस वर्ष से ज्यादा उम्र में किसन को दिल दे बैठी। कुछ दिनों तक सब कुछ ठीक ठाक रहा। लेकिन बाद में हाईट कम होने का बहना बना उसे प्रताडि़त किया जाने लगा। अपनी शिकायत लेकर पुलिस स्टेशन गई, लेकिन पुलिस ने शिकायत लेने से मना दिया। बेटी से नाराज उसके मां-बाप ने भी साथ देने से मना कर दिया। अब परिवार परामर्श केंद्र से सहयोग लेकर वह कानूनी लड़ाई लड़ रही है।
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शादी कर छोड़ दिया शिप्रा को
नौवीं कक्षा की छात्रा शिप्रा सुमन ने खुद से डेढ़ गुना अधिक उम्रदराज किताब दुकानदार रोहण को अपना दिल दे दिया। दो-तीन माह बाद ही वह मां बनने की स्थिति में पहुंच गई। लड़की और लड़के के मां-बाद को यह रिश्ता पसंद नहीं था। लड़के के पिता ने रोहण को घर से निकाल दिया। रोजगार के चक्कर में वह दिल्ली चला गया। अब शिप्रा अकेली पड़ गई। रोहण एक-दो महीने तक तो फोन से शिप्रा का हालचाल लेता रहा। अब उसने फोन करना भी बंद कर दिया। परेशान शिप्रा ने जब रोहण के पीछे पड़कर पता किया तो जानकारी मिली कि उसने कारखाने में काम करने वाले एक कर्मचारी की बेटी से दूसरी शादी कर ली। कम उम्र और बेहतर खानपान न मिलने से मां बनने के बाद उसके जान को खतरा हो सकता है। डॉक्टरों के इस सलाह के बाद उसका जीवन मुश्किल में आ गया है। अब शिप्रा न्याय के लिए भटक रहीं है।
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जुबेदा भी है परेशान
जुवेदा सातवीं कक्षा की छात्रा थी। उसने मोहल्ले के ही 22 वर्षीय तौहीद को दिल दे दिया। तौहीद ने पहले तो खूब महंगे गिफ्ट दिए। दोनों ने भागकर शादी भी कर ली। शादी के बाद पति ने शारीरिक संबंध बनाया। उसकी हालत बिगड़ गई। अब वह पति से दूर रहने लगी। परिणामस्वरूप नाराज पति ने उसे तलाक दे दिया। अब वह न्याय के लिए भटक रही है। पति पर मुकदमा भी कर चुकी है। सास-ससुर का कहना है कि जब उसका पति ही उसे नहीं रखना चाहता है तो वे लोग इस मामले में क्या कर सकते है।
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अक्सर नाबालिग बच्चियां प्यार के चक्कर में पड़कर गलतियां कर बैठती है। जरूरी है अभिभवकों को कि वह गलती करने का अवसर न दे। पढ़ाई-लिखाई के बाद ही बच्चे अपने जीवन के लिए स्वतंत्र निर्णय लें।
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बाल विवाह के दुष्परिणाम
1. शरीर के अपरिपक्व होते हुए भी यौन गतिविधियों की शुरुआत
2. उच्च प्रजनन दर
3.एचआईवी/एड्स के खतरे की अधिक आशंका
4.जच्चा-बच्चा मृत्युदर की अधिक आशंका
5.अभिभावकीय क्षमता की कमी
6.घरेलू हिंसा की अत्यधिक आशंका
7.निर्णायक क्षमता का अभाव
8.शैक्षिक और जीवन संबंधी अनुभव की कमी 9.कम उम्र में विधवा होने का खतरा
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ठक में अनिवार्य है।
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