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क्या कहने नेता जी के

संजीव शुक्ल ‘अतुल’
संजीव शुक्ल ‘अतुल’
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आजकल एक बड़े समाजवादी नेता मीडिया में छाए हुए हैं। उनकी हर जगह निर्मम आलोचना हो रही है। हालांकि उनकी मानसिक पृष्ठभूमि को देखते हुए आलोचना में थोड़ी सदाशयता बरती जानी चाहिए । सुनते हैं कि एक बार उन्होने फोन पर अमिताभ ठाकुर को कुछ समझा दिया तो बवाल खड़ा हो गया । बड़ी आलोचना हुई। अरे भाई, इतना बड़ा नेता किसी अधिकारी को समझाने का अधिकार तो रखता ही है और फिर तब जब कोई आदमी ईमानदारी की राह पर चलने की बेवकूफी भरी कोशिश कर रहा हो।
नेताजी की जितनी भी कम तारीफ की जाए, ज्यादा ही हो जाती है। इनकी पार्टी के लोग कहते हैं कि नेता जी को जहां कठोर होना चाहिए वहाँ कठोर हैं और जहां मुलायम होना चाहिए वहाँ मुलायम हैं । यह बात सही भी है। वह कुछ लोगों के प्रति बेहद मुलायम हैं जैसे……………
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http://sanjeevshuklaatul.blogspot.in/2015/09/blog-post_6.html

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