स्थगित है गति, समय का रथ रुका है, कह रहा मन बहुत नाटक हो चुका है प्रश्न का उत्तर कठिन है, इसलिए भी प्रश्न सौ-सौ बार टाला जा रहा है ~यश मालवीय
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