कंटकाकीर्ण मार्ग हो, घनघोर तमस हो, अनिश्चित डगर हो, लक्ष पर अडिग हो !
फौलाद से इरादे हो , सृजित नव सूर्य हो, प्रकट फिर मार्ग हो , लक्ष जब अडिग हो !
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