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मूरख पंचायत ,…..पत्र -१

हमार देश
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आदरणीय मित्रों बहनों गुरुजनों ,…सादर प्रणाम …..काफी दिनों बाद आपके मूरखों की पंचायत फिर लगी है ,…देरी वादाखिलाफी के लिए कड़क ठण्ड सही बहाना लगता है ,…इन दिनों कुछ मूरख लोग आत्मशुद्धि के प्रयोग करते रहे ,….उनकी सफलता दर वो ही जानें ,…..आज मूरख पंचायत ने स्वामीजी को चिट्ठी लिखी है ,…..सूत्रधार महोदय ने औपचारिक अभिवादन प्रणाम के बाद चिट्ठी पढने का एलान किया है ….आइये सीधा उनके मुंह से ही सुनते हैं …

“..परमपूज्य स्वामीजी को आत्मा से कोटि कोटि प्रणाम पहुंचे ,….

स्वामीजी आपसे कुछ कहने की हमारी औकात कहाँ है !….आप अँधेरे में डूबे भारत खातिर सूर्य हैं ……हम अंधे बीमार मूरख मानुष !…..आप महान कर्मठता की मूरत महाज्ञानी दिव्यपुरुष हैं ,….हम पशु जैसे अज्ञानी कर्तव्यहीन हैं !….आप पुण्य सेवा त्याग सुख के अनंत भण्डार हैं ,…हम पापी पेट की गुलाम दुखियारी जनता ! ….आप दयालु निर्विकारी हैं ,…हम अहंकार विकार से भरे हुए ,…..आप सिद्धिदायक महायोगी हैं ……हम बन्दर सरीखे भटकते प्राणी !……आप मानवता की पीड़ा हरने वाले राष्ट्रऋषि हैं ,……हम आपके पीड़ित राष्ट्रवासी हैं !.. आप घोर मलिनता में फंसी मानवता को दिव्य पवित्र भगवत्ता की सौगात देने आये हैं ,….हम लेने की औकात भी नहीं रखते …आप महान भारत स्वाभिमान के जनक हैं ….हम दीन हीन कीड़े सरीखे ……..आप मानवता के पालनहार हैं ,…हम आपकी कृपा पर पलने वाले तुच्छ जीव ……..महान और तुच्छ का सम्बन्ध ही कुछ कहने का साहस देते हैं !…..कुत्ता भी अपने स्वामी से मन की बात कहता है ,…..उनसे खेलता है ,….लवलाते हुए अपने गंदे पैर सीने पर रख देता है ,..मुंह भी चाट लेता है !……….आप हमारे भगवान् हैं ,..आपका प्रेमिल ह्रदय हमारा हर अपराध क्षमा करेगा ….. हमको हर अपराध से मुक्त भी करेगा !……….परमेश्वर साक्षी है प्रभु !… आपके आने में देर होती तो हम जैसे अनेकों मूरख आज किसी पागलखाने में देश समाज की दशा पर बेहिसाब हँसते रोते होते ,…. शातिर लूटतंत्र की शैतान मंडली अकड़कर अट्टहास करती !…..भारत खाओ भारतीयता मिटाओ अभियान की सफलता पर महाशातिर गांधी संस एंड तमाम बाप पूत चमचा कंपनी बेख़ौफ़ जश्न मनाती !……मानवता के महाविनाश पर सफेदपोश शैतान पूरे हालीवुड वालीवुड को नचाते ! …..भयानक भारत दुर्दशा पर रोना अब भी आता है ,…लेकिन दोहरे विश्वास की मजबूत दीवार एक बूँद भी बाहर नहीं आने देती !……….स्वामीजी आप इस पावन भूमि पर नयी बहार सुनहरी उम्मीद लाये हैं !…..हमारा अटल विश्वास है .. एकदिन भारतभूमि से भगवत्ता का परचम पूरी दुनिया में लहराएगा !…….रामराज्य के महाप्रकाश में दुनिया नहाएगी ,….मानवता दिव्य सुखसागर में गहरे गोते लगाएगी !……

स्वामीजी यह सच का सपना है !……इसे देखने वाली आँख आपकी है ….इसे पूरा ही होना है !…….सत्यमेव जयते !…सत्य सनातन भारत की जय हो !……आपकी जय हो !……..बार बार हरबार आपकी जय हो !….

हे राष्ट्रऋषि ,..देश दुनिया की दशा आपसे का कहनी !……..आप सर्वदर्शी सर्वज्ञ दूरदर्शी हैं ,…..हम कुछौ नहीं जानते फिरौ कहते हैं ,…..देश बदतर से बदहाल है ,….लुटेरा राजतंत्र चौतरफा चांदनी दिखाता है ,…टीवी अखबार पर हमारे हजारों करोड़ों रूपये फूंककर सत्ता हमको ही मूरख बनाती है ,……. सच में हर इंसान बेहाल है ,…भूख गरीबी लूट मंहगाई कुपोषण कुशिक्षा नशा वासना बेकारी बीमारी अपराध के भयानक महाजाल में हमारा भारत तड़पता है ,…आतंकवाद नक्सलवाद अन्याय अत्याचार सफेदपोश देशद्रोही साजिशों से जीवंत राष्ट्र जार जार रोता है ,…यह महारुदन जीवित लोग ही देख सकते हैं ,…हम जैसे प्राणहीन मृत मूरख केवल अंदाजा लगा सकते हैं !……….झूठी आजादी के सत्ताधारी शैतान भारतद्रोहियों को गर्व होगा ,..आपके लाचार भारतपुत्र सड़क किनारे ठण्ड से मर जाते हैं ,….उनका असल गर्व तब होता जब वो भारत को पूरा खा जाते पूरी भारतीयता पचा जाते ,…लेकिन उससे बहुत पहले उनका समूल नाश ही भागवत विधान है …….आज भारत बहुत शर्मिंदा है ,…अब यहाँ कपडे वाले भी फटेहाल हैं….गरीब की इज्ज़त बची नहीं .. तमाम अमीर खुद उतार चुके हैं ,……. लंगोटीवाले बाबा गांधी के काले वारिस नाटक नौटंकी हाय तोबा नारेबाजी मचाकर हमको खाते रहे ..हम अबोध मूरख की तरह उनके चिकने चेहरे ताकते रहे !…हम उनके नकली स्वराज झूठे भाषणों पर भरोसा करते रहे ,…..वो भरोसे में लपेटकर देश खाते रहे !…..महालुटेरे महाभ्रष्ट गद्दारों के राज में हालत यह है कि हर सरकारी कुर्सी खाऊ है ,….हर फ़ाइल मोटे माल की पक्की बिल्टी है ,….हमारी सब सम्पदा उनके और उनके विदेशी बापों के हवाले है ,..हमारी जीवनदायी नदियाँ नीलाम हो गयी ,.उनको मिटाने की पूरी तैयारी है ,…पूँजी के शैतानी लालच में हमारे पहाड़ बर्बाद किये जाते हैं ,…हम प्रकृति का प्रकोप झेलते हैं ,……चिकने चुपड़े जंगलराज में हमारे अनमोल जंगलों पर उनका कब्ज़ा है ,….हमारी रत्नगर्भा जमीन बेदर्दी से लूटी जाती है !…..लूटतंत्र मालामाल हम कंगाल बेहाल हैं !…..तमाम बेबस भारतपुत्र चीनी साजिश में शामिल होकर हथियार उठाने को मजबूर है !….वो बहुत खुश होंगे ….भारत की संतानें अपनों की जान लेती हैं ,…..हमारी अथाह सम्पदा महान नेताओं ने मुफ्त में लूट ली !……हम अन्दर तक कंगाल बेहाल होते गए !…..उनकी मालामाली का आलम विदेशों में चहकता है !…….आतंकवाद नक्सलवाद शैतानी लूटतंत्र की पैदाइश है ,….गाँधी नेहरू जिन्ना ने अंग्रेजों से मिलकर बेदर्दी से भारत काटा है ,….चीन अमरीका का पिट्ठू बना पाकिस्तान आतंक का कारखाना बना है ,…पाकिस्तानी अवाम मोहताज है !……पाकिस्तान बंगलादेश में मानवता त्राहि त्राहि करती है !……उनके सत्ताधीश भारत और हिंदुत्व मिटाने में अपने और किराए के साधन भिडाये हैं !…..अब लगभग सब पड़ोसी भारत के वैरी बने हैं !…..सब भारत को चोट मारते हैं !

स्वामीजी क्या क्या कहें सुनें !…अंग्रेजी लूटतंत्र में हमारी महान सभ्यता संस्कृति मिटाने की पूरी तैयारी करी है ,….इन्होने चंहुओर से बीमारी फैलाई है ,…..अब कहने सुनने को कुछ बाकी नहीं रहा ,….अंग्रेजी तंत्र हमारी सेहत पर सरेआम डाका डालता है ,…..बीमारी फैलाकर इलाज के नाम पर और बीमार करते हैं ,..तमाम अस्पताल खुले हैं लेकिन इलाज नही है !….दसियों साल पुराने किडनी हार्ट स्पेशल अस्पतालों में एक मरीज के ठीक होने का रिकार्ड नहीं होगा …इलाज में हमारी जमीनें घर गहने इज्ज़त तक बिक जाती हैं ,….बदले में दर्दनाक मौत ही मिलती है !……फिर भी अंग्रेजी वारिस अंग्रेजियत पर देश का खजाना लुटाते हैं ,…अंग्रेजी पढ़ाई में लाखों खर्चा होता है ,…बेचारा डाक्टर भी पढ़कर लूटता है !…उनका लिखा केवल वही समझें या फिर कमीशनखोर महालुटेरी दवा कम्पनियाँ !….जहर का मोल चुकाने में इंसानियत नाकाम हो गयी !…….शैतानों ने हमारे खेत फसल बीज पानी अन्न फल दूध दवा आबोहवा मनोरंजन कमाई सब जहरीले कर दिए ,…गौहत्या से हमारा शरीर खेत अर्थ सब जहरीला अपंग हो रहा है ,……हमारा तन मन जहर से भर गया है ,…..जहरीले माहौल में हमारी औलादें घातक बीमारी लेकर पैदा होती हैं ,…..आपके खोजे फैलाए पुरातन ज्ञान योग आयुर्वेद प्राणायाम से दूर हर इंसान रोगी मनोरोगी है ,…प्रतिशत एक से सौ तक कुछौ होगा …….धन्य हैं आप और आचार्य श्री ,…आपके परिश्रम पराक्रम पुरुषार्थ परमार्थ का प्रतिदान समूची मानवता मिलकर नहीं चुका सकती ,….आप मानवता को भगवान् के वरदान हैं ,…हमारे भगवान् हैं !…….आप बीमार लुटी घायल धरा पर रोगी मनोरोगी मानवता का सफल उपचार लाये हैं !…….आप अन्याय अत्याचार अपराध आतंक असुरक्षा से दुखित मानवता को सर्वसुखी सुरक्षित करने आये हैं !

स्वामीजी अपराध की अनेक किस्में हैं !……सबके बीज मायावी शैतान डालते हैं …..वो जानी अनजानी सत्ताओं पर काबिज हैं ,…वो आतंकवाद नक्सलवाद बोते हैं ,..चुपचाप उसे पालते पोषते बढाते हैं ,… सत्ताई लाभ खातिर मानवता मिटाते हैं ,…फिर ख़ास जरूरत पर अपने ही बनाए भस्मासुरों को मिटाते हैं …उनके हर कदम से मानवता मरती है …उनकी बोई मानवघाती फसल हम रोते रोते काटते हैं !……..चोर पहली चोरी करता है काहे से कि उसको जरूरत होती है ,…..फिर आदत बन जाती है ,…फिर आदतें और बढ़ती हैं !…..जंगलों में रहने वाले पुराने डाकू और चीज थे ,…..आज के डाकू कुशिक्षा बांटने वाले हाई फाई स्कूलों में पढ़ते हैं !……हावर्ड तस्मानिया जैसे विदेशी स्कूलों से पढने वाले महाडाकू झक सफ़ेद लिबास पहन राजगद्दियों पर बैठकर हमको लूटते हैं ,…..जिनके अपराधों की हर सजा कम होगी..वो शैतान हमसे वीवीआइपी सुरक्षा लेते हैं !………मातपूजक देश में आज चौतरफा नारी का चीर हरण होता है ,…….इसका कारण सब जानते है ,..नशा …कुशिक्षा ….वासना विकार फैलाने वाला काला नीला मनोरंजन …….कुकर्मों का महिमामंडन और लचर लाचार बिकाऊ अन्यायतंत्र मुख्य कारण हैं !….वैसे हमारे राजनेताओं से बड़ा बलात्कारी अनैतिक कौन होगा !……..आजकल सेटिंग खुलने और काम न करने पर बलात्कार में फंसाने का फैशन भी जोर मारे है !……..साजिशबाज जहरीली कालिख से कोई नहीं बचा है ,….नर नारी सब शामिल हैं ,…नकली तरक्की की चाहत और बेकाबू काम पिपासा में सब गिरते हैं ,..फिर दुःख ही ढोते हैं ,…….केवल सच्चे योगी ही बचते हैं ,…..आपकी कृपा से वही योगी सेना देश को बचायेगी ………..आज कोई पोशाक पर सवाल उठाये तो उन्मुक्त नारीवादी लोग फटने लगते हैं ,….अश्लीलता को आँखों में बताते हैं !…वैसे ..हमारी गाय भैंसें कहाँ कपडे पहनती हैं !……लेकिन उनका बलात्कार नहीं होता ,…क्योंकि वो इंसान नहीं हैं ,…..वो प्रकृति के नियम से चलते हैं !…….हम इंसान स्वतंत्र हैं ,..चाहे प्रकृति के नियम का पालन करें चाहे तोड़ें ,…..अगर नंगई प्राकृतिक नियम है तो हमें हमेशा नंगे रहना चाहिए ,..लेकिन सब नियम पालने होंगे ,….ऋतुकाल में ही हमारा वासना ज्वर उठना चाहिए !……सबको ब्रम्ह्मुहूर्त में उठकर खेत जंगल चरना चाहिए ,….पढ़ाई लिखाई घर बनाना भोजन पकाना मोबाइल गाड़ी जहाज शादी ब्याह पूजा पाठ नमाज प्रवचन प्रार्थना सब इंसानी करतब बंद होना चाहिए !……माफ़ी चाहते हैं आपसे अलग बात करने लगे ….भटकना हमारा स्वभाव है !…हमारे कहने का मतलब ई है कि हम इंसान हैं तो इंसान की तरह रहें !….इंसानियत की जरूरत समझें ……नंगई और बुर्काफरोशी दोनों गलत हैं ,…..सुन्दर शालीन आरामदायक कपडे मानवता की जरूरत हैं !……आँख में कांच की चमक मारकर आँख का दोष देना भी तो गलत है ,..चुन्धियाई आँख आगे और जख्म दे सकती है ,…….मनोरंजन के नाम पर नंगई मानवता से अपराध है !…………..ई बात आपसे कहने का सही मतलब ई है कि शातिर सत्ताएं मानवीय कमजोरियों को भांपकर हमारे अन्दर कालिख भरती हैं !…..लूटतंत्र चाहता है कि हम नंगई नशा वासना अपराध में पस्त रहें ,….ऊ मानवता खाकर मस्त रहें !…………………..क्रमशः

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