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मूरख पंचायत ,……और चिट्ठी !

हमार देश
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गतांक से आगे …….

मरियल से बाबा फिर बोले ……..“…भगवान् ने सबका काम साधन अलग अलग किया है !……सब अपना काम मिलजुलकर सच्चाई जिम्मेदारी से करेंगे ,..कोई भूला भटका तो कोई राह दिखाएगा ! …नीति मसौदा चर्चा चलती रहेगी !..अच्छा मोदी जी कौन सीट छोड़ेंगे !…”

एक पंच बोले ………“…उनकी मर्जी है ,…लेकिन बनारस अपनाने के बाद काहे छोड़ेगा !..छोड़ा तो कहीं का न छोड़ेगा !…”

……..उत्तर में कोई न बोला फिर एक बाबा बोले ……….

“..ई सब छोड़ो ….बहुत दिन से मानव नहीं आया … कोई पता लगाओ !….”

खड़ा युवक बोला ………..“..अबहीं कल हम एक घंटा मिसकाल मारे ,…पचास बारी कम्पूटर मैडम ने स्विच बंद बताया …. जाने कहाँ गुम गया पट्ठा !…”

बाबा बोले ………..“..घंटी मिलाते रहो ,… कौनो दिन स्विच खुलेगा तब फ़ौरन बुलाना ,…….”

……………“.. तमाम भाई लोग स्वामीजी के खिलाफ अदालत में जुटे हैं !..एक समाजसेवी हजार करोड़ का हर्जाना माँगा है !..”…………..एक मूरख ने अगली बात उठायी तो एक माता बोली ………

……“…मूरखता की हद बहुत बड़ी होती है !…..स्वामीजी देश को एक लाख हजार करोड़ देना चाहते हैं ,..ऐसे समाजसेवकों को भगवाने जगाये !…”

………..“…केवल भाई नहीं ,..उनकी गिरफ्तारी खातिर एक नयी बहिन जी हरिद्वार में भूख हड़ताल किये हैं ,..अखबार में फोटो देखे थे ,….पुरानी मायावती दीदी जैसी लगती हैं !..”…………हरिद्वार यात्रा से लौटा युवा मूरख बोला तो एक बाबा शान्ति से बोले

……………“..देखो भाई ,….स्वामीजी का विरोध करे वाले तीन किसिम के लोग हैं ,…पहले बेचारे अज्ञानी अल्पज्ञानी कुंठित भावना के शिकार अहंकारी लोग हैं ,…इसमें उनकी गलती कम अंग्रेजी नेहरू छाप दलाल तंत्र का गुनाह असली है ,…..दुसरे किस्म वाले मशहूरी खातिर बेचैन हैं ,..छपास की बीमारी बड़ी है !…..तीसरे किसिम वाले खाऊ राजदलों के चाटू सिपहसालार हैं !…..बेचारों से का कहना ,.एकदिन भगवान् सबको सद्बुद्धि देंगे !….”

युवा फिर बोला ………“..सदियों से मूरख बना देश सब असलियत जानता है ,…….हरिद्वार वाली विधा दीदी को हम एक चिट्ठी लिखे हैं ,………कहो तो बांचें फिर कोई पहुंचा देना !…उनके साथ सबको हमारा संदेसा मिल जायेगा !…”

“..बाँचो लल्ला ! …”…………..बाबा ने सहमती दी तो युवा शुरू हुआ ..

“…आदरणीय दीदी ,…..सादर प्रणाम

अखबार से पता चला कि आप कई दिन से भूख हड़ताल पर हैं ,.. आपका स्वास्थ्य गिर रहा है ,…….आपका मूरख भाई विनती करता है कि आप अपना अनशन समाप्त करें ,…..मानव शरीर परमात्मा का अनमोल उपहार है ,..इसे साप्ताहिक पाक्षिक मासिक उपवास से स्वस्थ रखा जाता है , लेकिन अकारण या अल्पकारण से इस पर क्रूरता करना अपराध मानना चाहिए !……इसलिए आपसे फिर प्रार्थना करता हूँ कि आप अनशन छोड़कर प्रसन्नचित्त बनें और राष्ट्रहित करें !….आप एक सजग भारतपुत्री हैं ,…. पुनरुत्थान के लिए हमारा विश्वगुरु भारत आप जैसी करोड़ों भारतपुत्रियों की प्रतीक्षा में है !….

आपके उपवास का कारण स्वामी रामदेवजी का एक बयान है ,…जिसमें उन्होंने दलित समाज से नौटंकी करने वाले युवराज गांधी पर तंज कसा था ,…..उनका भाव सच्चा था जिसे हम कम सुन पाए ,……लेकिन शब्द चयन में कुछ गलती और कुछ हमारी नासमझी से आप को पीड़ा हुई ,……जिसके लिए उन्होंने ह्रदय से क्षमा मांगी है ,..उनकी अशांति के वास्तविक जिम्मेदार हमही हैं ,…ऊ सबकुछ सुधारना चाहते हैं ,…हम खुद सुधरना नहीं चाहते !………..आपकी नजर से आपका आक्रोश उचित हो सकता है ,….लेकिन दृष्टि फैलाकर आपका आक्रोश सार्थक ऊर्जा में बदल सकता है !…..

दीदी !…..हम आपसे दलित सम्मान अपमान पर बात न करेंगे !…..हम दलित अगड़ा पिछड़ा जैसे जातिवादी सामजिक बंटवारे के खिलाफ हैं ,..प्राचीन भारत में वर्ण व्यवस्था समाज के सहज संचालन के लिए उपयुक्त थी ,… तब प्रत्येक का सम्मान करना हमारा प्रथम धर्म था ,…हम जानते थे कि सबका मूल स्वरुप एकै है ,..सब परमात्मा से जुड़े हैं ,….. सर्वे भवन्तु सुखिनः हमारा मुख्य प्रार्थना मन्त्र है !……..हर इंसान में चारों वर्णों की शक्ति होती है ,..हमारे मष्तिष्क में पांडित्य होता है ,…ह्रदय में क्षत्रित्व है ,…उदर में वाणिज्य है ,…हाथों पैरों में कर्मठ शूद्रत्व है !……….हम ईश्वर की सुन्दरतम सुडौल रचना हैं !………….दयालु ईश्वर ने हमें मानव बनाया है ,..ज्ञान शक्ति दिया है ,..सर्वसुखी होना और सर्वहित करना हमारे जीवन का उद्देश्य है ,……अपने सामर्थ्य को बढ़ा संवारकर हम सबकुछ कर सकते हैं ,….सामजिक समरसता हमारे उत्थान का आधार है !……जातीय घृणा द्वेष से मानवता का बंटाधार होता है ,……महान कार्य सर्वसहयोग से सिद्ध होते हैं !….. यदि इस गलत मुद्दे को कुछ पलों के लिए किनारे रखें तो हम कुछ और भी देख पाएंगे ,..

…स्वामीजी ने सदा मानव हित में काम किया है ,….उनके द्वारा पुनःप्रसारित सर्वकल्याणी योगशिक्षा जाति पंथ वर्ग उंच नीच नहीं देखती है ,….आरोग्यविद्या आयुर्वेद सबके लिए है ,..स्वामीजी सबको प्राकृतिक स्वास्थ्य का मुफ्त मार्ग बताते हैं ,…..पतंजलि परिवार का प्रत्येक प्रकल्प सतत मानव सेवा में समर्पित है ,……स्वामीजी ने कालाधन लाकर भ्रष्टाचार मुक्त स्वस्थ संपन्न भारत बनाने का महानतम सपना देखा है …..वो सबके लिए समान शिक्षा स्वास्थ्य सम्मान चाहते हैं ,..वो देश से गरीबी मिटाना चाहते हैं ,….वो सम्पूर्ण मानव व्यवस्था को विकारमुक्त न्यायपूर्ण बनाना चाहते हैं ,…उनके महान पुरुषार्थ का फल सबको मिलेगा ,…तब उंच नीच का बाहरी भेद लुप्तप्राय होगा !….भारतद्रोही लुटेरी शक्तियां कदापि ऐसा नहीं होने देना चाहती हैं ,…….उनके अनेकों मजबूत अवरोधों आक्रमणों अँधेरों के बीच भी स्वामीजी पूरे पुरुषार्थ पराक्रम के साथ सतत प्रयत्नशील हैं !……उनका सपना हर हिन्दुस्तानी के उत्थान सम्मान का है !…..वो सभी महापुरुषों का सम्मान करते हैं ,….वो दलित माताओं बुजुर्गों का पाद पूजन करते हैं ,…बच्चों को दुलारते हैं ,..युवाओं को नशा आदि बीमारियों से बचने की प्रयत्नपूर्वक प्रेरणा देते हैं ,..उनके साथ करोड़ों जागरूक दलित दिल से जुड़े हैं ,…….यदि हम अपने साथ सबका सम्मान उत्थान चाहते हैं तो उनको भरसक शक्ति देना हमारा सहज दायित्व बनता है !…….इसलिए मैं मूरख आपसे फिर प्रार्थना करता हूँ कि आप अपने आक्रोश को त्यागिये और राष्ट्रनिर्माण कार्य में आगे बढ़कर उनके हाथ और मजबूत करिए !…..हमारे आपके जैसे करोड़ों लोग उनकी ताकत हैं …स्वामीजी के दुश्मन बहुत हैं और बहुत ताकतवर हैं ,…यही लोग मानवता के दुश्मन हैं !….स्वामीजी का साथ देना हर जागरूक मानव का कर्तव्य है ,…यदि उनके किसी भी कार्य व्यवहार से हम रुष्ट असंतुष्ट हों तो भी महान लक्ष्य के लिए अशुभ की उपेक्षा करना सर्वथा हितकारी होगा !………..उनके विरोध से आप प्रसिद्ध हो सकती हैं ,.कुछ झूठा सम्मान मिल सकता है ,…लेकिन अनमोल आत्मसम्मान कभी न मिलेगा ,,,.. आखिरकार उनके विरोधियों के हाथ कुछ न लगेगा ,..क्योंकि सत्य परेशान होता है पराजित बिलकुल नहीं !….स्वार्थ का फल सदा दुखदायी और परमार्थ का फल अखंड सुखदायी होता है ,……..आज कुटिल कांग्रेस उनकी सबसे बड़ी दुश्मन है ,…उससे भी ज्यादा खौफनाक फूट डालकर राज करने वाली कान्ग्रेसियत तमाम राजदलों में फैली है ,….आजके अधिकाँश जातीय संगठन स्वार्थी राजनीतिक सांठगाँठ साधते हैं ,….अपने भारत को इस बाईपास जुगाड़ से बड़ा खतरा है ,…जनभावना को गलत दिशा में उभारकर ये अपने साथ पूरे देश की हानि करते हैं ,…….इंसान होने के नाते स्वविवेक से सही निर्णय करना हमारा कर्तव्य है !……स्व का अर्थ नितांत निजी नहीं है ,…स्व निज के साथ सार्वभौमिक भी है ,…विवेकशीलता हमारा सनातन गुण है !…यदि हम ऊंचाई चाहते हैं तो हमको अपना विवेक जगाना करना होगा !……स्वामीजी ने अपनी नाव तूफानी समंदर में हमारी खातिर डाली है ,…हमको उनका विरोध नहीं हरकदम साथ देना चाहिए !……..हमको हर इंसान को सुधारकर भारत स्वाभिमान से जोड़ना चाहिए !..

दीदी ,..हम सच में मूरख हूँ …..जितना कहते हैं उसका एक आना नहीं करते हैं ,…….लेकिन हम सब जाने अनजाने उनकी महान यात्रा के सहगामी हैं ,….अपने कुसंस्कारों के कारण हमने अबतक ईश्वर को नहीं देखा है लेकिन बार बार उनको महसूस करते हैं !…..अन्दर बाहर सब जगह हर जड़ चेतन में पवित्र सुगंध की तरह मिलते हैं …. आपके गहरे भी वही बैठे हैं !….. सबके अन्दर वही हैं !……इसलिए आत्मा की गहराई से फिर आपसे विनती है कि आप अपने गलत आक्रोश को विराम देकर नयी सार्थक शुरुआत की तरफ बढ़ें ,….पूरा विश्वास है किसी पल आपकी आत्मा आपको जोर से पुकारेगी और आप वह मूक आवाज सुनने में सक्षम होंगी !…….फिजूल ही सही आपने अपने शरीर को तपाया है ,…आपकी तपस्या सही मायनों में फलीभूत हो ,..हम सब मिलकर भारतीय धरा से भगवत्ता का सूत्रपात करें !..आप सदा स्वस्थ प्रसन्नचित्त रहें !…. ये दयालु परमपिता से हमारी प्रार्थना है !…..

अनेकों शुभकामनाओं सहित पुनः सादर प्रणाम

आपका मूरख भाई

ननकू भारतवासी !

कुछ तालियाँ बजी ……………..बाबा बोले …….. “..चिट्ठी ठीक लिखा है ,…….. ठीक से भेज देना ,….अब जल्दी मानव की तलाश करो ,….अब ऊ आएगा तबहीं मजा आएगा !…”…………मरियल से बाबा ने आदेश जैसा दिया तो सब सहमत मिले ….सूत्रधार ने फिर पंचायत के विसर्जन की घोषणा कर दी !…….भारत माता की जय !…..वन्देमातरम के नारे लगाने के बाद मूरख मंडली घरों की तरफ लौटने लगी !

वन्देमातरम !

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