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गतांक से आगे ….
पंच साहब बोले …………….“……….हम अपना सुनहरा शिक्षातंत्र मजबूत करेंगे !…..स्वामीजी ने हमारी खातिर महान सपना देखा है ,……राष्ट्रऋषि का सपना पूरा करना हर हिन्दुस्तानी की जिम्मेदारी है ,…..युगों तक हमारी शिक्षा व्यवस्था दुनिया को दिशा देती रही ,……मैकाली साजिशें मिटाकर भारत फिर विश्वगुरु बनेगा ! …हमारे गुरुकुल गुरु विद्यार्थी हमारे अनमोल रतन हैं ,…… काला शिक्षातंत्र लुटेरों की भयानक साजिश है !…दिव्य गुरुकुली दमक से हमारी शिक्षा फिर दमकेगी !…”
………..“…. ज्ञानयोग के तपसी हमेशा विश्वशांति खातिर प्रार्थना करते हैं ,……हमारे गुरुकुल भारत के साथ पूरी मानवता को शुभ दिशा देंगे !….”………….एक युवती ने भी सुर मिलाया तो अगला मूरख बोला …
“…कोरी कान्वेंटी पढ़ाई को गुरुकुली शिक्षा में बदलना जरूरी है ,…..साजिशी फरेबी मिशनरी का यहाँ कोई काम नहीं है !……सक्षम भारत स्वयं सुशिक्षित होगा ,…….”
एक युवा तमका ……………“…हम सनातन सुशिक्षित हैं ,..जब अंग्रेज बेचारे लूटमार काट अपराध नशा करते थे ,…घोर अशांति असुरक्षा में जीते थे ,.नशाखोरी अय्याशी करते थे ,…..घोर अत्याचार अन्याय पाप क्रूरता सहते करते थे ,…तब्बौ अनेक बाधा के बावजूद हम सुशिक्षित शांत सुखी थे !….खुद मैकाले ने अंग्रेजी संसद में कहा है भारत में कोई अशिक्षित अपराधी भिखारी नशेड़ी नहीं हैं !…”
एक पंच बोले …………..“….ऊ हजार मामले में हमसे दोयम तेयम गिरे थे लेकिन एक मामले में आगे निकले ,….. वैदिक ज्ञानसूत्र उन्होंने अपनाया !…….संगठन शक्ति संजोकर तिकड़मी साजिशें अमल करी !…”
आगे वाला प्रौढ़ मूरख बोला ………..“..अधूरे ज्ञानसूत्री कपट मानवता के खिलाफ होते हैं ,….अंग्रेजों यूरोपियों खलीफाओं ने धन की सर्वाधिकारी चाहत में मानवता पर भयानक क्रूरता करी है ..”
…………“…क्रूरता करी है तो कहीं जरूर चुकाए होंगे ,….सूद ब्याज समेत चुकायेंगे !…….मानवता को साफ़ ईश्वरी सन्देश है ,….सबका कल्यान चाहो तो कल्यान होगा ,……लूटने से कहीं लुटना पड़ेगा !….”
पंचाधीश के ईश्वरीय सब्र पर युवा फिर तमका ………….“..उन्होंने केवल शरीरी क्रूरता नहीं करी ,……..मैकाले ने सनातन भारतीय ताकत बौद्धिक शिक्षा प्रणाली को मिटाया … दिमागी दोगलापन भरे खातिर साजिशी अंग्रेजी शिक्षातंत्र बनाया ….हम अपनी सब अच्छाई ताकत भूल जांय ,.उनका हर कबाड़े पर यससर वेरीराईट कहें …
एक और आवाज आई …………“..उधर देश काटकर लोभी जयचंदों को सत्ता थमाई ……तब हम पक्के मूरख बने !……”
एक बुजुर्ग बोले ……..“…….मूरखता मिटाने खातिर हमारे अनेकों महापुरुषों समाजसेवियों ने स्कूल विद्यालय गुरुकुल खोले हैं !….भारतीय शिक्षा उनका मकसद रहा ,……कुटिल सत्ता की बाजारू दुनिया में सबकुछ बाजार बन गया !……तमाम भारतीय दिल मजबूरी में कानवेंटी स्कूल चलाते हैं ,…. अंग्रेजी को साजिशन हमारे दिमाग में चढाया गया !….दलालों ने अंग्रेजी को रोजगारपरक भाषा बना दिया ,….हम नासमझी में गुलामी ढोते हैं..”
एक महिला बोली ……….“…नासमझी का बुखार उतर रहा है काका !….पतंजलि के आचार्यकुलम गुरुकुल में प्रवेश खातिर बहुत लंबी लाइनें हैं …सब गुरुकुल का गौरव समझने लगे हैं ,….”
“.. लुटेरी सत्ता का बुरा हाल देखो !…… पतंजलि विश्वविद्यालयौ पर मुकदमा लगाया है !..”……..एक बुजुर्ग ने दांत दिखाकर ताना मारा तो महिला फिर बोली
“…बुरे का हाल बुरा होगा !.. लुटेरा पार्टी चम्मच मंडली कुछौ करे !……स्वामीजी पतंजलि विश्वविद्यालय को पुराने नालंदा तक्षशिला जैसा विश्वव्यापी गौरव दिलाएंगे !……..वहां पढ़े युवा योगी देश दुनिया का नेतृत्व करेंगे !……स्वामीजी बहुत ऊंचे सपने देखकर पूरे करते हैं !..जय हो स्वामीजी की !…”
पंचायत में मौन श्रद्धा फ़ैल गयी ,…………बीच से एक खड़ा हुआ ………..“….लेकिन धर्मान्ध दीनी तालीमगाह गुरुकुल से कैसे मिलेंगे भैय्या !……बेचारे इंसान को रट्टा मरवाकर तर्क शोध उत्थान पर फुलस्टाप लगाय देते हैं …”
पंचाधीश फिर बोली …………..“.मानवता का काम उठकर भगवान की तरफ बढ़ना है ,…एकदिन सब खंड मिलेंगे …….सब मानवता खातिर ही बने हैं !……सबके स्वामी मातपिता एक हैं ,..वही निराकार साकार एक अनेक सब रूप है !………. उनकी कृपा से खुले दिमाग मिलकर सुन्दर राह बनायेंगे ,…मानवता को सतपथ पर चलाएंगे !……सरल दिव्य मानवता और झूठी नाजायज कट्टरता में अंतर सबको समझ आएगा ! ..सब सही शिक्षा अपनाएंगे !…..”
…….“..काम तनिक मुश्किल लागे दादी !…..कठमुल्लाओं से तनिक खुले दिमाग वाले एक वस्तानवी न बर्दाश्त हुए !..मोदी की तनिक तारीफ का करी !…कठमुल्लाओं ने मदरसे से चलता कर दिया !….”
एक मूरख ने सवाल गहरा किया तो सूत्रधार बोले ………….“…वस्तानवी साहब ने शिक्षा खातिर अच्छा काम किया है ,…..प्रभु प्रेरणा से और अच्छा करेंगे !…..सबको प्रेरणा देंगे ………..हमको बिके सड़े कठमुल्लाओं से का लेना देना !…ऊ अरबी माल खाकर वही धुन पर नाचते गाते हैं ,..इंसानों को मुर्गी झुण्ड समझते हैं ,..बच्चों को ऊंटों पर मरने वाला कीड़ा …औरत को बिनपंजे वाली बिल्लियाँ समझते हैं ,……जाहिल मक्कार मुल्ला लोग मानवद्रोही खलीफाओं का घंटा बजाकर अधर्म बढ़ाते हैं !……सही बात सुनने समझने वाली उनकी औकात नही होगी …लेकिन ……हर इंसान अपनी औकात खुद तय करेगा !………भेड़ों कीड़ों जैसे सड़ांध में घुटकर सांस गिनना है …… कुत्तों सियारों जैसे लड़कर मरना है ….या .. मस्त आजादी से उन्नति करके परमपिता में मिलना है !..”
मूरख खोपडियां सहमति में हिलने लगी तो एक बाबा बोले ……..“…आजादी का एक सिरा अनुशसनो है !…”…………..बाबा के पाठ पर भी सहमति मिली
“…और ऊपरी पढ़ाई कैसे चलेगी !…..”…… एक और सवाल ने चर्चा को गति दी ..”
पंच साहब बोले ……………“…. महाविद्यालय में सब विषय को गहराई से पढ़ा समझा अपनाया बढ़ाया जाएगा !…..बच्चा माँ बाप गुरु की सलाह से इच्छानुसार विषय चुनेगा ,……… तकनीकी सहायता से लैस समर्थ गुरुघरों में आला दर्जे की शिक्षा मिलेगी !……. सदाचार अध्यात्म भरे ज्ञान विज्ञान से मानवता को सुखशांति मिलेगी !…… वैदिक महाज्ञान पर सुन्दर शोध होंगे !…… मानव हितकारी प्रयोग अनुसंधान होंगे !…..हमारे बच्चे माहिर विशेषज्ञ बनेंगे ,……ज्ञानी महाज्ञानी मानव महामानव बनेंगे !……..सदज्ञान बांट फैला अपनाकर मानव आगे बढ़ेगा ,… नित मानवता बढ़ेगी !….”
“…आज अच्छे ज्ञानी विदेशी गुलामी करते हैं ,…..जालिम कुव्यवस्था से भारतीय मेधा विदेश भागती है !..आईआईटी भारत से .. काम विदेशी कंपनियों का !..”……..पीछे से फिर निराशा उभरी तो एक पंच फिर बोले ..
“…..सब भारतीय मेधा जीजान से भारतउत्थान में जुटेगी !….हमारे ज्ञानी विशारद विदेशी कंपनियों की गुलामी नहीं करेंगे …..उनको भी मानवता की दिशा दिखायेंगे !……..महाविद्यालयों के साथ कामगारी कारीगरी तकनीक सिखाने निखारने वाले बढ़िया केन्द्र चलेंगे !…….खेती किसानी समेत सब छोटे बड़े उद्योग के ऊर्जावान कुशल कामगार कारीगर प्रबंधक निकलेंगे !……..व्यापार उद्योग का प्रशिक्षण मिलेगा !…..उन्नत आयुर्वेद डाक्टरी इंजीनियरी पढ़ाई जायेगी !…”…
“..और नकलची विद्या का का होगा !…….आजकल पैसा फेंको नंबर लूटो !….डिगरी विद्या खरीदकर बढ़ो !….”………….बीच से फिर सवाल उठा ….पीछे से समर्थन भी मिला
“..ऊंची पढ़ाई नौकरी खातिर नम्बर माफिया खेलता है ,..बहुत जगह नक़ल का अधिकार है !..मुन्नाभाइयों की मंडली बढती जाती है ,…. बोर्डों की रस्साकस्सी में मेधा लस्सी होती है ,….गरीब मेधावान फिसड्डी हो जाते हैं ,..नकलची लोग मलाईदार नौकरी छानते हैं !..”
एक मूरख की आग भड़की …..“..शैतान मंडली आम इंसानियत को हर हक से महरूम करना चाहती है !….”
पंच बोले……..“..तबहीं तो इनका सर्वनाश होगा ,……मानव हित सोचते तो काहे मिटते !..”
पंचाधीश बोली ………………“…..लालची दलालों का समय पूरा है भैय्या !…….मानवता का युगों लंबा इतिहास गवाह है ,…….. जब विश्वनीडम की सद्भावना लालच लूट अहंकार फरेब में मिटी .. तब मानवता दुःख में डूबी !… समय स्थिति प्रार्थना मुताबिक़ हरबार भगवान ने हमको उबारा …आगे बढ़ाया !..इसबार स्वामीजी आये हैं ,…साथ में राष्ट्रभक्त ईशभक्त फ़ौज लाये हैं !..”
..दूसरे पंच बोले ………“…स्वामी रामदेव को सन्यासीरूप में रामै मानो !…विश्वामित्र जानो !…..दुनिया का हर देश में भगवान राम पूजे जाते थे ,…..काहे से कि उन्होंने दुनिया में सुख प्रकाश फैलाया था !….. प्रेम कर्तव्य के मानवी महासूर्य ने हर कष्ट सहकर मानवता को उबारा ,…..सबको राह दिखाई !…वही काम स्वामीजी करते हैं !..दुनिया उनकी बतायी राह पकड़ रही है !…सब पकड़ेंगे !.”
मरियल बाबा बोले …………“…ऊ परमपिता का सनातन धर्म है !..किसी रूप में आते जरूर हैं ,….उनके पीछे चलना हमारा धर्म है !….शिक्षा में नक़ल महापाप अधर्म है !……. बिलकुल बंद होनी चाहिए !….सद्गुणी शिक्षा शुद्ध परीक्षा होना चाहिए !…… माफियाबाज लोग गुड़ गन्ना शरबत का दुकान खोल लेंगे ….वर्ना जेल की चक्की पीसेंगे !..”
“..काका बात मीठी है ,..लेकिन ई व्यवस्था बनेगी चलेगी कैसे !…”……….एक युवा ने बाबा की मिठास पर रोक लगाई तो उन्होंने उत्तर दिया
“…सुव्यवस्था बनाकर चलाना हिंदुस्तानी जिम्मेदारी है ,…..हर आदमी अच्छा सच्चा जिम्मेदार अधिकारी होगा !.…”
एक युवा खड़ा हुआ …………“…देश के राजा हम हैं ,…….हम देश की बागडोर सच्चे पक्के राष्ट्रभक्त को देंगे !…..अपने बीच के सद्कर्मी सद्चरित्री लोगों को अपना प्रतिनिधि बनायेंगे ! …..अपना काला धन निकालकर सुन्दर नवनिर्माण करेंगे !…….सब निजी सरकारी स्कूल कालेज पंचायती बना देंगे !…. और नए स्कूल गुरुकुल बनायेंगे !……….जिंदगी भर मामूली पगार पर पढ़ाने वाले शिक्षकों को सम्मान से पक्का करेंगे ,………..भारतभक्त सत्ता शिक्षा व्यवस्था को भरपूर धन देगी ,……चलाने का जिम्मा जागरूक नागरिक पंचायत गुरुओं के हवाले होगा !………हर अध्यापक अधिकारी कर्मचारी की उन्नति अवनति नागरिकों के हाथ होना चाहिए !……शराबी कबाबी ठरकी बेकारों बीमारों को घर बैठाया जाएगा …सुधार खातिर योग कराया जाएगा …वही पढाएगा जो लायक सद्कर्मी सच्चरित्र होगा !…”
मरियल बाबा फिर बोले ………..“…….अधिकार वही पाए जो सच्चा कर्तव्यनिष्ठ हो ….पढाए वही जो लायक हो !…..कोई गलत करेगा तो यहाँ वहां दोनों जगह भुगतेगा !… धर्म अपनाने से गलती बढ़ने की गुंजाईश नहीं होती !..”
“…अध्यापक लगाने हटाने बढ़ाने गिराने स्कूल चलाने का जिम्मा हम लेंगे !…पैसा ऊपर वाले देंगे तो कटकटाएंगे नहीं !..”…………….एक और सवाल उठा तो सूत्रधार बोले
“.ऊपर वाले हमारी खातिर ऊपर होंगे !……सरकार हमारी होगी !………… शासन समाज को मिलकर चलना होगा !….पंच पंचायत देश चलाएंगी ,…..ग्रामपंचायत तहसीलपंचायत जिलापंचायत प्रांतपंचायत और राष्ट्रपंचायत मिलकर सब काम करेगी !…….व्यवस्था नीचे से ऊपर तक शुद्ध भारतभक्त मानव हितकारी होनी चाहिए !……”
“…घातक ऊपरी जहर मिटेगा … नीचे तक सफाई होगी !..”…………..पीछे से एक आवाज आई तो सूत्रधार फिर बोले
“.. भारतभक्त सरकार असली बुद्धिजीवियों से भारतीय शिक्षा प्रणाली पाठ्यक्रम बनवाएगी !…..अध्यापक गुरु आचार्य का ट्रेनिंग व्यवस्था करेगी ,… स्कूल गुरुकुल को सब साधन देगी ……शिक्षा संस्था चलाने का जिम्मा स्थानी पंचायत का होगा ! …कर्तव्यशील पंचायत के पास योग्य को बढ़ाने और धर्मविमुख को हटाने का अधिकार होना चाहिए !…….और पंचायत का धर्म बड़ा होता है ,…….हर इंसान की सच्चाई सच्चाई से सुननी समझनी होगी ,.सच्चाई से कर्तव्य पालना होगा …पंचायती गिरे तो कहीं के नहीं रहेंगे !..”
“…पंचायती व्यवस्था पर बाद में बतियायो …पहिले शिक्षा निपटाओ ….बहुत भूख लगी है !..”…….एक युवा ने टोका … दूसरे साथी ने सवाल उठाया
……….क्रमशः
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