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गतांक से आगे …….
……एक पंच साहब बोले ……………“..ई चुनाव बहुत ज्यादा ख़ास रहा !……सरसठ साल से देश लूटती नकारा गुलाम जमात एकसुर में मोदी को गरियाती रही ,…..लेकिन देशभक्त जनता ने देशभक्त मोदी को पूरा बहुमत दिया !……अंग्रेजीतंत्र में पहली बार राष्ट्रवादी दल को साफ़ बहुमत मिला है ….देश अब गौरवशाली विकास चाहता है ,…सही सटीक सार्थक स्वदेशी समतामूलक प्रकृतिरक्षक तेज विकास चाहिए…..”
दूसरे भी बोले …………“..मोदी जी पूरा जीजान लगाकर काम करेंगे !…………अंग्रेजों की बनायी कुटिल कांग्रेस का समापन समझो !……….कान्ग्रेसियत भी पूरी ख़तम होगी !………..हर इंसान पहले भारतवासी बनकर गर्व से कर्तव्यपालन करेगा !….सब सुखी धर्मप्रिय होंगे !…….मानवता पर छाया घोर अँधेरा मिटेगा !…..सब सरकारी सुविधा संसाधन मशीन ठीक काम करेंगे !……..मोदीजी ने सबको जोड़ते हुए विकास करने का महामंत्र अपनाया है !…..”…………..मौन सहमति बिखरती गयी ,…कागज़ कलम का इन्तजार होता रहा ………………एक और मूरख बोला
“…मंत्रिमंडल खातिर कसरत चालू है !….”
आगे वाले ने उत्तर दिया ………..“..भरपूर कसरत चालू है ,…मोदीजी कौनो कसर नहीं रखना चाहते हैं ,…..सबको साथ लेकर सुन्दर कारगर मजबूत सरकार का वादा है !…सबके साथ सबका विकास करना है !…”
………..“..जोरो दाब चलता होगा !…..मोदीजी की विजयी सेना में शेर हाथी घोड़ा गदहा खच्चर सब गुणधारी सांसद होंगे !…”………..पहले ने फिर व्यंग्य कसा तो पंच साहब बोले
“…सेना में सबका होना जरूरी है भाई ,…..अच्छे से अच्छे मंत्रिमंडल खातिर सोच विचार परख पड़ताल मिलन चयन चलता होंगा ,………अब तक मंत्रालयों खातिर पूंजीवादी लाबिंग होती थी ,….अबकी देश खातिर मेल मिलाप चर्चा वार्ता होती है !…”
“..देश को शानदार सरकार मिलना पक्का है ,..बाकी सब बेकार बात है !………”……………..आगे वाले ने चर्चा पर विराम लगाया …….जड़ पर बैठा मूरख बोला
“..शपथ समारोहों शानदार होगा !……सब पड़ोसी देश अध्यक्ष बुलाये हैं !…..नवाज शरीफो आ रहे हैं !….अग्रिम शराफत में हमारे कैद मछुवारों को छोड़ा है !…”
बगलगीर साथी बोला ……….“..श्रीलंका वाले भी छोड़ेंगे !…..लेकिन कुछ लोगबाग़ विरोधी मुद्रा अपनाए हैं !……कुछ को पाकिस्तानी मंजूर नहीं ,..कुछ को श्रीलंका मंजूर नहीं !…”
एक बाबा ने उत्तर दिया ……….“…. विरोध पर टिके लोग विरोध के सिवा का करें बेचारे !….. पड़ोसियों को न्योतना बहुत अच्छा कदम है……. सच्चे दिल से सही सन्देश देने खातिर मोदीजी ने सबको बुलाया है !……सुधरने का मौका बार बार आखिर तक मिलना चाहिए !……हम बेहतर पड़ोस का उम्मीद कर सकते हैं !…….पूरी दुनिया परेशान हैं !….सब समाधान चाहते हैं ..”
बुद्धिजीवी टाइप वाला बोला ………“…बेहतर न किये तो सबको भुगतना पड़ेगा !…..फालतू जाती पंथी वर्गी संघर्ष झूठ की पैदावार हैं ,..मानवता को इनकी भारी कीमत चुकानी पड़ती है …..आतंकवाद पर कौनो समझौता नहीं हो सकता है ,…प्रेम से जर्मन दीवारों गिरती है ,….एकदिन भारत पाकिस्तानो मिलेंगे !……मिलकर समूची मानवता उठेगी !…”
साथी भी बोला ………“…जरूर मिलेंगे भैय्या !…लेकिन ऊ मंजिल कुछ दूर है ,……आपसी विश्वास बहाली की अच्छी शुरुआत करी है ,…आगे …. खतरनाक खूनी खिलौनों को कसना होगा !……भटके बेबस गरीब आतंकियों को समझना समझाना सुधारना होगा ,…….क्रूर आतंकी आकाओं को निपटाना होगा !..आतंक फैक्ट्रियों को जड़मूल से मिटाना होगा ,…..आतंकी सोच पैदा करने वाली जड़ मिटानी होगी !…. आतंकवाद मिट जाएगा !….फिर शान्ति से व्यापार धंधा खेल यात्रा सब कारोबार होगा !…”……..सहमति फैलती रही .
“..फिर मानवता खाऊ शातिर शान्तिखोर बप्पा लोग का करेंगे !…”……………….एक ने व्यंग्य किया तो बाबा फिर बोले …
“..कौनो अपराधी सच्चे दिल से पश्चाताप करेगा नहीं तो सूद ब्याज समेत भुगतेगा !…..भगवान् ने और रास्तै नहीं बनाया !….”
“..भगवान् को बीच में न लाओ !……पहले पाकिस्तान का बात करो !….”…………..जड़ पर बैठा मूरख तनिक तैश में आया तो पंच साहब बोले …
“..पाकिस्तान की का बात करनी है ,….ऊ बांटकर राज करने वाले कुटिल अंग्रेजों का काटा भारतीय अंश है ,…गांधी नेहरू जिन्ना की अंग्रेजभक्त तिकड़ी ने हमारा अथाह खून बहाकर पाकिस्तान बनाया है ,……गुलाम शैतानी करना उनका धंधा है ,….मजहबी मूरख अंधों ने पाप महापाप करने का विदेशी ठेका लिया है …भगवान् कभी उनको सद्बुद्धि देंगे !…”
दुसरे पंच आगे बढे …….“….राष्ट्रीय पड़ोसी बदले नहीं मिलाये जा सकते हैं !……लायक नालायक अच्छे बुरे सब तरह के पड़ोसी को ख़ुशी में शामिल करना सधर्म शिष्टाचार है !……उनके गम में शामिल होना धर्म है ,…….खुद सबल होकर सबको उन्नतिपथ दिखाना धर्म है !……बेकाबू नीच अपराध करने पर कड़े से कड़ा दण्डो देना धर्म है !….”
सब सहमति में हिलते रहे ,एक मूरख खुश होकर बोला ………“…..चुनाव जीतने पर हम दो लड्डू खाए थे ,….कल सरकार बने पर चार और खायेंगे !…..”
पंच जरा बेसब्री से बोले …………“…जेब सेहत मिलावट देखकर खूब मिठाई खाओ खिलाओ भैय्या !….स्वामीजी की महान कृपा से मोदी सरकार आ गयी है ,…अब देश में सही काम होगा ,……अब बहुत जरूरी जनसुधार होना चाहिए !…….बीमारी बहुत हैं ,..सब बीमार हैं !…..मानव पता नहीं कहाँ गया …आता तो हम गदहन को कुछ बताता !.”
“..गुमशुदा इंसान का पता कहाँ होगा !….अब फोन पर कम्पूटर मैडमो नहीं बोलती है ,….टू टू करके कट जाता है !….”…….एक युवा ने बताया तो बाबा ने आदेश दिया
“..फिरौ फोन मिलाते रहो !…….”
घर गया युवक कागज़ पेन लेकर लौट आया ,….आते ही बोला …
“..का लिखें !….”
बाबा बोले ………..“…लिखो आदरणीय मोदीजी को सादर परनाम !….
“….हमको आपसे कुछ नहीं कहना है…..हम नादान मूरख आपसे का कह सकते हैं !…..आप सबकुछ जानते समझते हो !……आप बहुत कर्मठ कुशल समर्पित सामर्थ्यवान राजनेता हैं ,…..वैसे नेता लोग अच्छे अभिनेतौ होते हैं ,….लेकिन आप महान हैं ,…आपकी गहराई ऊंचाई तमाम है !…….संसद की सीढ़ी पर मत्था टेककर आपने लोकतंत्र का दिल जीत लिया है ,……कठिन संघर्षमयी पराक्रमी महाविजय के बाद आदर्श विनम्रता आपको प्रखर देवत्व गुणवान साबित करती है ,……आपकी अटल सकारात्मकता बेमिशाल है …..आप सरल भावुक तपस्वी ठोस लचीले सन्यासी इंसान हैं ,…..आप फौलाद जैसे मजबूत सच्चे भारतपुत्र हैं ,….आप माँ भारती के सच्चे सपूत हैं ,.. हम फिरसे बार बार स्वामीजी को प्रणाम आभार करते हैं ,……यहीलिए देश ने मिलकर आपको महती जिम्मेदारी सौंपी है ,……….आप देश का सर्वांगी उत्थान करोगे ,…जहर अंग्रेजियत की जगह सबल स्वदेशी अमृत का आधान करोगे !…आप सनातन उन्नत भारतीयता से विश्व को रौशनी से भरोगे ,…….आप हम सबको हमारी सीमाओं को पूरा सुरक्षित करोगे !……आप तमाम कालाधन लाओगे …अपने पराये का भेद भूलकर आप भ्रष्टेरिया मिटाओगे !…..आप लोकतांत्रिक सेवक शासन के उत्तम मानदंड बनाओगे ,…..आप आत्मनिर्भर सुखी संपन्न गौरवशाली भारत बनाओगे !….”……………बाबा रुक गए .. पंच साहब आगे बोले .
“…और लिखो ,…..आपका हर क्षण हर कण भारत खातिर समर्पित है !…..आपके सुकर्मी हाथों में हमारा भारत सुरक्षित है !…..आपके सामने बहुत बड़ी बड़ी कड़ी चुनौतियाँ हैं ,…हम भगवान् से प्रार्थना करते हैं ,..आपको और तमाम अनंत सद्शक्ति सामर्थ्य मिले ,…..आप बड़ी आसानी से सब चुनौती पार करो !…… आप माँ भारती का गौरव बढ़ाओं ,…..सदा देश का दुलार पाओ !……..”
लिखकर युवा ने फिर पूंछा …………….“..और का लिखें !…”
दुसरे पंच बोले ……….“…और लिखो !……कभी भूले से भी आपको अहंकार न आये !…..भारत का स्वाभिमान बढ़ता जाए !…..इतिहास आपका गौरव गाये !…..आपके नेतृत्व में भारत फिर विश्वगुरु बन जाए !……….पूर्ण राष्ट्रवादी नेतृत्व देश का पुराना सपना था ,…. आप विवेकशीलता से सबके सपनों को पूरा करोगे !..आप मानवता को उठाओगे !…”
मुंडी गड़ाए युवक ने फिर पूछा …………“..और ..”
बाबा फिर बोले ………..“.और सब ठीक है !……आपको हम मूरख लोगों की कोटि कोटि शुभकामना है !… …आपको प्रधानमंत्री पाकर भारत बहुत खुश है ,..आप भारत की ख़ुशी बनाए रखना ,….आप शातिर शैतानों से होशियार रहना ,…संतजनों का कहा करना !…….झूठे मक्कारों से दूर रहना !……ईश्वर पर अटूट विश्वास करना ……..केवल उनसे ही डरना !………देश बहुत बीमार है ,…हमारे पूर्वज ज्ञानीजन कहे हैं ,..राजा को मानव शरीर में मुंह जैसा होना चाहिए ,… सुपोषण खातिर सबकुछ खाना लेकिन अपने पास कुछौ न रखना मूल भारतीय राजस्वभाव है ,…….कौनो बीमारी खातिर जरूरी कड़वी दवा लेने में तनिकौ न हिचकना !…..स्वस्थ होकर सब स्वादिष्ट खायेंगे पियेंगे !………………….लोकतंत्र का राजा आम !….यही आम आदमी ने आपको अपना प्रतिनधि चुना है ,……आप आदर्श चरित्रवान लोकराजा हैं !……….हम विकारी लोग तमाम झूठे नकारा निकम्मे हैं … लेकिन ठीक से गहरे तक जानते हैं ,….हमेशा सत्य की जीत होती है !…..आपकी जीत होगी ,……भारत की जीत होगी !……हमारी जीत होगी !….मानवता की जीत होगी !…….धर्म की जीत होगी !!…………..बस …..और आखिर में लिखो ……मोदीजी हम आपको बार बार सादर प्रणाम करते है !..”
बहुत ध्यान से चिट्ठी सुन रहे मूरखों ने बड़े सद्भाव से प्रणाम में सहभागिता की !………..लेकिन कुछ अनुभवी निगाहें मानव की खोज में बेचैन लगी !….
कागज़ लपेटकर युवा ने मेरे हाथ में थमाया ,.. फिर जोर से गरजा !……………..भारत माता की जय !……..उसी जोश में प्रतिउत्तर गूंजा ……भारत माता की जय !!……..संक्षिप्त पंचायत बाखुशी समाप्त हुई .
वन्देमातरम !
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