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दिल्ली-हरिद्वार रेल रेपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम

सतीश मित्तल- विचार
सतीश मित्तल- विचार
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देश-विदेश से हरिद्वार में वर्ष भर लाखों तीर्थ यात्री आते रहते है । यात्रियों की अधिकता के कारण दिल्ली-हरिद्वार रेल व सड़क मार्ग पर तीर्थ यात्रियों व् शैलानियों को यात्रा में काफी मुश्किलों से गुजरना पड़ता है । जुलाई माह में कांवड़ यात्रा के दौरान तीर्थ यात्रियों की अत्यधिक संख्या को संभालना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन जाता है। लम्बे जाम व् मुख्य मार्ग के बंद होने से तीर्थ यात्री, स्थानीय नागरिक व् उद्योग धंदे मुशिकल दौर में गुजरते है। इस दौरान स्कूल कॉलिज की छुटियाँ करनी पड़ती है। सड़क पर भारी वाहन न चल पाने के कारण उद्योगों में कच्चे माल की कमी हो जाती है । तैयार माल फैक्ट्री में बिना बिके पड़ा रहता है । जिससे सरकार की टैक्स आमदनी प्रभावित होती है । बाजार में माल की कमी हो जाती है। बीमार लोगों को अस्पताल तक पहुंचने के लिए जूझना पड़ता है । ऐसे हालात में दिल्ली-हरिद्वार की लगभग 220 किलोमीटर की दूरी तीर्थ यात्रियों के लिए समय व् आराम से पूरी करना एक टेढ़ी खीर है ।
हरिद्वार महत्वपूर्ण तीर्थ स्थान है। इसी लिए दिल्ली-हरिद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग व् रेल मार्ग को टिकाऊ, कम खर्चीला , भरोसेमंद बनाने की आवश्यकता है । हरिद्वार में बीते कुम्भ में सड़क व रेल मार्ग तीर्थ यात्रियों के बोझ तले दब गया था ।
हरिद्वार तीर्थ को ध्यान में रख केंद्र सरकार को उत्तर रेलवे-दिल्ली-डिवीजन के मेरठ-मुजफ्फरनगर-सहारनपुर रेल मार्ग को न केवल दोहरीकरण की दिशा में कदम बढ़ाने चाहिए , वरन प्रस्तावित दिल्ली-मेरठ रेल रेपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम का क्षेत्र हरिद्वार तक बढ़ा विदेशी-निवेश से शीघ्रातिशीघ्र निर्माण शुरू करने की दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए । इससे रेल रेपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम के रुट पर पड़ने वाले पश्चिमी उत्तरप्रदेश व् उत्तराखंड के शहरों का विकास होगा व् टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा । रोजगार के अवसरों में भरपूर वृद्धि होगी। तीर्थयात्री आराम से अपनी सुखद तीर्थयात्रा पूरा कर सकेंगें ।
रेल रेपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम से दिल्ली-हरिद्वार की दूरी घटने से देश-विदेश के यात्री दिल्ली के होटलों में ठहर, हरिद्वार की यात्रा उसी दिन पूरी कर वापस आ दिल्ली पहुंच सकेंगें , इस कारण हरिद्वार पर यात्रियों का कम भार पडेगा ।
राष्ट्रीय राजमार्ग 58 पर वाहनों का दबाव कम होगा । जिससे गाड़ियों की रफ़्तार बढ़ेगी , पेट्रोल की बचत होगी जो विदेशी मुद्रा की बचत में सहायक होगा । वायु , धवनि प्रदूषण कम करने में सहायता मिलेगी ।
मोदी-सरकार को दिल्ली-हरिद्वार रेल रेपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम की योजना अमल लाने की योजना पर तुरंत काम करना चाहिए ।

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