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दिल्ली में वर्ष भर नौकरी व् अनेकों कोर्सों में प्रवेश के लिए प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित की जाती है / इनमें SSC,UPSC, बैँक, रेलवे, विश्वविद्यालय, DU (SOL), IBPS आदि प्रमुख है/ जिनमें हजारों की संख्या में दिल्ली व् दिल्ली से बाहर के प्रतियोगी भाग लेते है /
जैसे कि सब जानते है कि दिल्ली का क्षेत्र बहुत बड़ा है / एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए समय व् पैसा तो व्यय होता ही है, साथ ही प्रतियोगी का परीक्षा केन्द्रों को खोजने में ही काफी समय व्यतीत हो जाता है / प्रतियोगी को मानसिक परेशानी से गुजरना पड़ता है, जिसका सीधा असर परीक्षा पर पड़ता है / विशेषकर महिला परीक्षार्थी के लिए जो मुख्य रूप से अपने माता-पिता पर निर्भर करती है /
प्रतियोगी परीक्षा केंद्र दिल्ली के किस कोने में पडेगा ये अंतिम समय तक प्रतियोगी को नहीं पता होता / अधिकतर होता ये है कि यदि कोई प्रतियोगी शाहदरा-दिलशाद गार्डन रहता है तो उसका परीक्षा केंद्र द्वारका,मेहरौली,धौला कुवां जैसी जगह पर होता है /
इसी तरह की समस्या का सामना दिल्ली में वर्ष में दो बार होने वाली CA के परीक्षर्थियों को करना पड़ता था / इस्टीट्यूटस ने समस्या पर विचार कर, दिल्ली को जोन /क्षेत्र के अनुसार 8 भागों में विभाजित कर समस्या का हल निकाला / इससे इस कोर्स के विद्यार्थीयों को परीक्षा केंद्र चुनने में एक ओर जहां आसानी होने लगी, वही परीक्षा केंद्र तक पहुचने में समय व् धन भी कम लगने लगा / केंद्र तक पहुचने का विद्यार्थी का मानसिक तनाव भी कम हुआ /
प्रतियोगियों के हित में दिल्ली में प्रतियोगी परीक्षा आयोजित करने वाले विभागों को दिल्ली को जोन/क्षेत्र के अनुसार में विभाजित कर परीक्षा आयोजित करनी चाहिए/ व्यापक हित में इस पर विचार आवश्यक है /
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