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सूचना अधिकार( RTI ) के अन्तर्गत दिल्ली की बिजली वितरण कम्पनियां?

सतीश मित्तल- विचार
सतीश मित्तल- विचार
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दिल्ली सरकार ने दिल्ली की बिजली वितरण कम्पनियों का CAG ऑडिट का आदेश दिया है / जो एक स्वागत योग्य कदम है / परन्तु बिजली-उपभोगताओं के हित में सरकार को अभी बहुत कुछ करना बाकी है जैसे तेज चलते बिजली के सभी मीटरों की जांच व् यदि आवश्यकता हो तो उनका उपभोगता के हित में तुरंत रिप्लेसमेंट / जांच से ही सच्चाई का पता लगाया जा सकता है कि क्या वास्तव में बिजली मीटर तेज चल रहें है या ये उपभोगता का केवल शंका है /
अभी हाल ही में मुझे BSES यमुना पॉवर लिमिटेड के दिलशाद गार्डन, कस्टमर केयर कार्यालय में बिजली के नए घरेलू कनेक्शन के सम्बधं में जाना पड़ा / जहाँ पता चला कि उपभोगता दवरा सभी बिल देने के बावजूद , सालों पुरानी देय राशि नाम पडी है/ ऐसा बिजली वितरण की गलती के कारण एक ही उपभोगता के नाम दो-दो बिल जारी करने से हुआ है / इस बकाया राशि का उपभोगता को पता तब चलता है जब कोई बिजली उपभोगता दूसरे नये घरेलू कनेक्शन के लिए या “ no Dues Certificate “ के लिए आवेदन करता है /
सरकार व् बिजली वितरण कंपनी को इस त्रुटि को तुरंत दूर कर ठीक करना चाहिए / ताकि निर्दोष व् ईमानदार उपभोगता को अनुचित मानसिक व् आर्थिक दंड परेशानी से बचाया जा सके /
अभी तक दिल्ली की बिजली वितरण कंपनी सूचना के अधिकार ( RTI) के तहत नहीं आती है , सरकार को CAG ऑडिट के साथ-साथ उपभोताओं के हित बिजली वितरण कम्पनियों को सूचना अधिकार के अंतर्गत भी लाना चाहिए /

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