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भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने विदेश कार्यक्रमों को तेज कर देशी और विदेशी राजनीति मे हलचल मचा दी है । नरेन्द्र मोदी का यह प्रयोग काफी सफल भी हो रहा है और यह बहुत ही आवश्यक है कि भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ बेहतर रिश्ते बनाये और अन्य व्यापारिक देशों के साथ भारत के सम्बन्ध अच्छे हों । सबसे पहले नेपाल के दौरे पर बिजली व्यापार समझौते पर दस्तखत होने, पनबिजली विकास और आर्थिक मुद्दों पर रिश्तों के और मजबूत करने पर जोर दिया । भारत में साठ लाख से ज्यादा नेपाली काम कर रहे हैं और करीब छ लाख से ज्यादा ऐसे भारतीय हैं जिन्होंने नेपाल को अपना घर बना लिया है। नेपाली भारत में बिना किसी वर्क परमिट के काम कर सकते हैं, बैंक खाता खोल सकते हैं। फ्री बॉर्डर होने से दोनों देशों के बीच लोगों की आवाजाही बेरोकटोक चलती है। इसके अलावा, देनों देशों के बीच हर सप्ताह करीब 60 उड़ानें होती हैं। नेपाल जाने वाले सभी पर्यटकों में बीस फीसदी से ज्यादा भारतीय होते हैं, और नेपाल जाने वाले पर्यटकों में से लगभग 40 फीसदी भारत होते हुए जाते हैं। नेपाल के विदेश व्यापार का दो तिहाई भारत के साथ होता है, जिसमें द्विपक्षीय व्यापार करीब 4.7 बिलियन डॉलर का है। नेपाल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का 47 फीसदी भारत से है। 1996 में संशोधित व्यापार संधि दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों का केंद्र बिंदु साबित हुई है। 1996 के बाद से, भारत में नेपाल के निर्यात में ग्यारह गुना वृद्धि हुई है और द्विपक्षीय व्यापार सात गुना से अधिक बढ़ा है। भारतीय फर्में नेपाल में सबसे बड़ी निवेशक हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी म्यांमार, ऑस्ट्रेलिया और फिजी के दौरे पर हैं। ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन में मुलाकात के दौरान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि भारत के साथ संबंध उनके देश की विदेश नीति में शीर्ष प्राथमिकता पर है। भारतीय विदेश नीति की बड़ी सफलता के तौर पर अमेरिका भारत के साथ आया है। एब डब्ल्यूटीओ में फूड सिक्योरिटी का विरोध नहीं होगा और फूड सिक्योरिटी पर अमेरिका भारत के साथ हो गया है। अब भारत की फूड सब्सिडी का नहीं होगा विरोध और भारत ट्रेड फैसिलिटेशन एग्रिमेंट पर साइन करेगा। इसके बाद डब्ल्यूटीओ में भारत को अहम सफलता मिल गई है और बाली एग्रिमेंट बिना शर्त लागू होगा। ध्यान रहे कि आसियान डिनर में ओबामा ने मोदी को मैन ऑफ एक्शन कहा था।
नरेन्द्र मोदी के ऑस्ट्रेलियाई दौरे में ट्रेड, इनवेस्टमेंट, एनर्जी और सिक्योरिटी पर बातचीत होने के साथ ऑस्ट्रेलिया के साथ 5 अहम करार हुये। पीएम मोदी से मुलाकात के बाद कैमरन ने मोदी को ब्रिटेन आने को न्यौता दिया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आतंकवाद के मुद्दे पर भारत और ब्रिटेन एक ही रुख साझा करते हैं। भारत के साथ बढ़ रहे विदेशी रिश्तें कई मायनों में महत्वपुर्ण हैं और देश को एक नई दिशा देगें । नरेन्द्र मोदी के पहले अटल बिहारी वाजपेयी ने भी भारत के विदेशी रिश्तों को काफी मजबुत करने का सफल प्रयास किया था जो अब मोदी उसे आगे बढ़ा रहे है ।
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