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हिन्‍दु और हिन्‍दुत्‍व के कथित ठेकेदार – योगी आदित्‍यनाथ

India 21st Century
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हिन्दुत्व शब्द केवल मात्र हिन्दू जाति के कोरे धार्मिक और आध्यात्मिक इतिहास को ही अभिव्यक्त नहीं करता। हिन्दू जाति के लोग विभिन्न मत मतान्तरों का अनुसरण करते हैं। इन मत मतान्तरों व पंथों को सामूहिक रूप से हिन्दूमत अथवा हिन्दूवाद नाम दिया जा सकता है । हिन्‍दुत्‍व एक विचारधारा है, जस्टिस वर्मा ने १९९५ में लिखते हैं ‘हिन्दुत्व’ शब्द जीवन जीने की कला है न की धर्म विशेष. हिन्दुत्व को संकीर्ण दायरे में नहीं बांधा जा सकता । इसे किसी भी प्रकार के सांप्रदायिक या व्यक्ति विशेष नहीं जोड़ कर देखा जा सकता । ‘हिन्दुत्व’ एक ऐसी चेतना है जो समग्र जन मानस को लाभान्वित करती रही है और रहेगी । हिन्दू धर्म को सनातन, वैदिक या आर्य धर्म भी कहते हैं। हिन्दू एक अप्रभंश शब्द है। हिंदुत्व या हिंदू धर्म को प्राचीनकाल में सनातन धर्म कहा जाता था। एक हजार वर्ष पूर्व हिंदू शब्द का प्रचलन नहीं था।

मौलाना वहीदुद्दीन खान ने अपनी किताब “इंडियन मुस्लिम-द नीड फॉर अ पॉजिटिव आउटलुक” में लिखते हैं “आज अल्पसंख्यको की समस्या का समाधान अन्तः विरोध या विषमता से नहीं बल्कि एक यूनिफार्म संस्कृति के द्वारा लाया जा सकता है”

बात केवल किसी एक धर्म की नही है, मुसलमान हिंसा से और ईसाई लालच देकर हिन्दुओं (ख़ास तौर पर अनपढ़ दलितों को) अपने धर्म में धर्मान्तरित करने में लगे रहते हैं । ज्‍यादातर आदिवासी इलाकों में ईसाईयों ने गरीब और अनपढ़ लोगों को धर्म परिवर्तन कर दिया । इतिहास गवाह है कि मुसलमान आक्रान्ताओं ने मध्य-युगों में भारत में भारी मार-काट मचायी थी । उन्होंने हज़ारों मन्दिर तोड़े और लाखों हिन्दुओं का नरसंहार किया था । भारत में मुसल्मान संगठित हैं–एक समुदाय के रूप में । हिन्दू जात-पात, साम्प्रदाय, भाषा आदि में बँटे हैं । हिन्दुत्व सभी हिन्दुओं को संगठित करता है ।

मुसलमान एक ही ईश्वर को मानते हैं, जिसे वे अल्लाह कहते हैं। एकेश्वरवाद को अरबी में तौहीद कहते हैं, जो शब्द वाहिद से आता है जिसका अर्थ है एक। मुसलमानों का पारिवारिक और सामाजिक जीवन इस्लामी कानूनों और इस्लामी प्रथाओं से प्रभावित होता है। अंग्रेजों के खिलाफ भारत के संघर्ष में मुस्लिम क्रान्तिकारियों, कवियों और लेखकों का योगदान प्रलेखित है। भारत ऐसे कई प्रख्यात मुसलमानों का गढ़ है जिन्होंने कई क्षेत्रों में अपनी अमिट छाप छोड़ी है और भारत की आर्थिक वृद्धि और दुनिया भर में सांस्कृतिक प्रभाव छोड़ने में एक रचनात्मक भूमिका निभाई है। स्वतंत्र भारत के 12 राष्ट्रपतियों में से तीन मुसलमान थे – जाकिर हुसैन डॉ॰ अहमद फखरुद्दीन अली और डॉ॰ ए० पी० जे० अब्दुल कलाम। इसके अलावा, स्वतंत्रता के बाद से विभिन्न अवसरों पर मोहम्मद हिदायतुल्ला, ए० एम० अहमदी और मिर्जा हमीदुल्लाह बेग, चीफ जस्टीस ऑफ इंडिया के पद पर प्रतिष्ठित रहे हैं। मौजूदा भारत के उपराष्ट्रपति, मोहम्मद हामिद अंसारी मुस्लिम हैं। भारतीय मुसलमान भारत में कला प्रदर्शन के अन्य रूपों में भी निर्णायक भूमिका निभा रहे हैं विशेष रूप से संगीत, आधुनिक कला और थिएटर में। एम॰एफ॰ हुसैन को भारत के सबसे प्रसिद्ध समकालीन कलाकार के रूप में जाना जाता है और अकादमी पुरस्कार विजेता रेसुल पुकुट्टी और ए॰आर॰ रहमान भारत के महान संगीतकारों में से एक हैं। प्रमुख कवियों और गीतकारों में जावेद अख्तर को शामिल किया जाता है जिन्होंने अपनी प्रतिभा के लिए कई फिल्म फेयर पुरस्कार अर्जित किया है। अन्य लोकप्रिय मुसलमान जाति के भारतीय संगीतकारों और गायकों में मोहम्मद रफी, अनु मलिक, लकी अली और तबला वादक जाकिर हुसैन शामिल हैं।
मौजूदा भारतीय क्रिकेट टीम में जहीर खान, इरफान पठान, और यूसुफ पठान जैसे कई मुस्लिम खिलाड़ी हैं। अजीम प्रेमजी, भारत की तीसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी विप्रो टेक्नोलॉजीज के सीईओ और 17.1 अरब अमेरिकी डॉलर की अनुमानित संपत्ति के साथ भारत में 5 वें स्थान के सबसे अमीर आदमी । डॉ॰ अब्दुल कलाम, भारत के सर्वाधिक सम्मानित वैज्ञानिक भारत के इंटेग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम के (आईजीएमडीपी) जनक हैं और उन्हें भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप नियुक्ति देकर सम्मानित किया गया। रक्षा उद्योग में उनके अभूतपूर्व योगदान के चलते उन्हें मिसाइल मैन ऑफ इंडिया की उपाधि दी गई और भारत के राष्ट्रपति के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान उन्हें प्यार से पिपुल्स प्रेसीडेंट कहा जाता था। अन्य प्रमुख मुस्लिम वैज्ञानिकों और इंजीनियरों में सी॰एम॰ हबीबुल्ला, डेक्कन कॉलेज ऑफ मेडीकल साइंसेस एंड एलाएड हॉस्पीटल और सेंटर फॉर लीवर रिसर्च एंड डाइग्नोस्टिक, हैदराबाद के एक स्टेम सेल के वैज्ञानिक और निर्देशक हैं; मुशाहिद हुसैन, जामिया मिलिया इस्लामिया के उल्लेखनीय भौतिक विज्ञानी और प्रोफेसर हैं; और डॉ॰ इसरार अहमद, सैद्धांतिक भौतिकी के लिए इंटरनेशनल सेंटर के एक सहयोगी सदस्य हैं, शामिल हैं।
अब आतें है गोरखपुर के बीजेपी सांसद योगी आदित्‍यनाथ जो लगातार पॉचवीं बार लोकसभा के लिये चुने गये हैं । गोरखपुर के लगभग 4 विधानसभा सीटों पर भी योगी का ही प्रभाव माना जाता है, गोरखपुर शहर की नगर निगम सीट भी योगी के ही करीबी के हाथों मे रहती है इस प्रकार से पुरे गोरखपुर जनपद और आसपास के क्षेत्रों मे योगी का काफी राजनीतिक दबदबा है । योगी पूर्वांचल के मशहूर मंदीर गोरखनाथ के उत्‍तराधिकारी भी है जो हिन्‍दुओं के आस्‍था का केन्‍द्र है लेकिन योगी इस मंदीर को भी राजनीति का अखाड़ा बना दिये है । योगी चुनावों के दौरान मंदीर से ही चुनाव का संचालन करते है जो मंदीर के साथ साथ कानुन का भी उलंघन है । बाबजूद इसके योगी ने हिन्‍दु और मुस्लिम को लड़ाने के अलावा कोई अन्‍य कार्य नही किया, गोरखपुर मे एकमात्र खाद कारखाना बीजेपी के ही कार्यकाल मे बन्‍द हो गया, दो चीनी मिलें बन्‍द हो गई, शहर के सभी नालीयॉ जाम है, जलजमाव से शहर त्रस्‍त है, जापानी बुखार से ही बर्ष हजारों की संख्‍या मे बच्‍चें मरतें है लेकिन योगी ने किसी भी प्रकार की व्‍यक्तिगत सहयोग इसके लिये नही किया । एक बात अवश्‍य है कि किसी घटना के समय मौके पर जरूर पहुॅचतें है जिससे लोग यह समझ बैठतें है कि वे उनके लिये बहुत तत्‍पर है ।
इसके अलावा योगी आदित्‍यनाथ कई सौ करोड़ो रूपये के मालिक है, मंदीर के टस्‍ट के नाम से सैकड़ो विद्यालय, महाविद्यालय, अस्‍पताल एवं किराये पर दुकाने चलती है लेकिन गौर करने की बात यह है कि उन सभी मे धर्माथ कार्य नही बल्कि दुसरे संस्‍थानों जैसा ही बर्ताव किया जाता है । पुरा तंत्र धन कमाने के लिये इस्‍तेमाल किया जाता है । योगी ने कभी भी अपने धन को सार्वजनिक नही किया जबकि जो वयक्ति सार्वजनिक जीवन और वह भी संत का जी रहा है उसके उसको अधिक ही पारदर्शिता रखनी चाहिये । योगी को अपनी सम्‍मपत्ति सार्वजनिक करनी चाहिये । योगी ने एक सामाजिक संगठन के नाम से संस्‍था बनाई जिसका नाम ‘हिन्‍दु युवा वाहिनी’ है जिसके अधिकतर सदस्‍य भाजपा के पदाधिकारी है और सर्वाधिक किसी न किसी गंभीर मुकदमों या धाराओं मे सजा काट चुके है या केस चल रहा है ।
योगी को आखिर हिन्‍दुओं और हिन्‍दुत्‍व के ठेकेदार का प्रमाण पत्र किसने दिया, क्‍या योगी स्‍वयं ठेकेदार मान बैठे है, जिसने हिन्‍दुओं के अनाथ बच्‍चों, विधवाओं, बेसहारा लोगों, गरीबों के लिये कुछ नही किया, जिसने गरीब के बच्‍चों को मरने दिया उसे हिन्‍दुओं और हिन्‍दुत्‍व के बारे मे बात करने का कोई अधिकार नही है । योगी के साथ जिन लोगों ने लाठियॉ खाई जेल गये योगी कभी उनसे मिलने नही गये और वे आज भी अपने आपको छला महसूस करतें है । आज भी हजारों गरीब कार्यकर्ताओं उपर मुकदमें चल रहे है, उनके पास मुकदमें लड़ने तक के पैसे नही है लेकिन योगी को इन गरीब कार्यकर्ताओं की कभी सूधि नही आयी, ऐसे लोग हिन्‍दुत्‍व की बात करते है । जिनके संसदीय क्षेत्र मे सभी सड़के टुटी हो, बिजली का पता न हो, कानुन व्‍यवस्‍था खुद वे ही बनातें और बिगाड़तें हो वे आज हिन्‍दुत्‍व और विकास की बात करतें है ।

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