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कमाल के चालबाज…

smriti
smriti
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वाह रे कन्हैय्या और उसकी टोली !
ये कमाल के शुतुरमुर्गी जीव हैं….जिस जे.एन.यू. को वामपंथ का बौद्धिक किला बताया जाता है उन कन्हैयाओं के मानसिक दिवालियेपन को क्या कहा जाए?इस एकांगी चिंतन प्रक्रिया को क्या कहा जाये?कहने को ये समाज शास्त्र और राजनीति के शोधार्थी हैं,खुद में एक क्रांतिकारी ढूँढते हैं….वो नारे लगाते हैं”हमें चाहिए आजादी” किस से?सामन्तवाद से,लूट से,सत्ता के दुर्प्रयोग से….और इनके पाले में कौन इनके साथ खड़ा है?सामंतवाद और लूट के सबसे बड़े वंशवादी प्रतीक राहुल गांधी!अराजकता को,अपहरण को ,लूट को संस्थागत आयाम देने वाले लालू यादव और उनका समाजवादी कुनबा जहाँ माफिया ही व्यवस्था परिवर्तन का वाहक है!!!!
ये जड़वादी सोच नहीं तो और क्या है,जहाँ व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर सत्ता के सपने देखे जाते हैं,उस गिरोह के लिए अपनी मानसिक ऊर्जा खपाई जाती है,जिसने निर्विवाद रूप से दशकों तक इस देश को लूटा है,लोकतंत्र को परिवार तंत्र बनाया ,प्रतिभा का गला घोंट कर ‘कंस’जैसी सोच रख एक परिवार या कुछ कुनबों और जातीय कबीलों का राजनैतिक छाता तैयार किया.पार्टियों में जो आज आन्तरिक लोकतंत्र की दशा है…उसके जिम्मेदार लोगों के साथ,जिन्होंने सुनियोजित तरीके से गरीबी के बीज बोये उनके साथ खड़े होकर अगर कोई रूमानी नारे लगाकर ‘क्रांति’का स्वप्न देख रहा है,तो इसे ‘कुंठा’के अलावा या प्रायोजित षड्यंत्र के सिवा क्या कहा जाये….
वैज्ञानिक समाजवाद का एक नया आयाम कन्हैया ,इसके गुरुजन और संगी साथी दे रहे हैं जहाँ जेहादी भी क्रांतिकारी है!!!!भारत तेरे तुकडे होंगे होंगे…इंशाल्लाह..इंशाल्लाह ,इस्लामी जेहादी विचार भी इनके लिए स्वीकार्य है,लेकिन बकौल कन्हैय्या हिन्दू होना एक गलती हो जाता है…कण में अगर भगवान् है तो राम मंदिर क्यूँ बने?लेकिन बाबरी मस्जिद के लिए टसुये बहा कर छाती पीटना जायज है,क्यूँ नहीं वहां भी बोले की अल्लाह तो सर्वशक्तिमान है,अपना घर खुद बना लेगा….वामपंथी क्यों उसके लिए स्यापा करें,हैं न विचित्र!!!ये एक दुरभिसन्धि है,जहाँ स्वभाव से विद्रोही युवाओं को पहले व्यवस्था के खिलाफ खड़ा करो,फिर धीरे धीरे उन्हें भारत की संस्कृति का मजाक उड़ाना सिखाओ,फिर धर्म से विद्रोह सिखाओ ,फिर उन्हें भारत के खिलाफ भी खड़ा करो,और दुआ पढो इंशाल्लाह..इंशाल्लाह ,भारत तेरे तुकडे होंगे!!!!ये सब तुम्हारे सामने हो ,तुम्हारे आँगन में हो,ये तो जायज है,लेकिन शाखाओ में अखंड भारत की बात हो तो वो फासीवाद है…वाह ,वाह,वाह….कितने मक्कार हो तुम लोग ,तुम्हे अपनी गिरेबान नहीं दिखती ….ये वही जेहादी विचार है,जिसे हम १००० साल से जानते हैं…अब वो वामपंथ के कपडे पहन हमारे सामने आया है!!!

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