Dharm & religion; Vigyan & Adhyatm; Astrology; Social research
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कोयला ही रूपांतरित होकर हीरा बन जाता है | हीरे और कोयले के बुनियादी रूप में कोई फर्क नहीं है | लेकिन कोयले की कोई कीमत नहीं है | उसे घर में कोई रखता भी है तो ऐसी जगह की नजर न पड़े और हीरे को छाती पर लटका कर घूमते हैं | कोयले की शक्ति ही हीरा बनती है | अगर आप कोयले के दुश्मन हो गए तो हीरे के पैदा होने की सम्भावना ही समाप्त हो जाएगी क्योकि कोयला ही हीरा बन सकता है |
सेक्स की शक्ति ही, काम की शक्ति ही प्रेम बनती है, लेकिन उसके बिरोध में सारे दुश्मन हैं उसके, फिर प्रेम शून्य क्यों न हो |
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