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सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्तां हमारा – 2 ।
हम बुलबुलें हैं इसकी, यह गुलिसतां हमारा हमारा ।।
गुरबत में हों अगर हम, रहता है दिल वतन में ।
समझो वहीं हमें भी, दिल हो जहाँ हमारा हमारा ।।
सारे…
परबत वो सबसे ऊँचा, हम साया आसमाँ का ।
वो संतरी हमारा, वो पासवां हमारा हमारा ।।
सारे…
गोदी में खेलती हैं, जिसकी हज़ारों नदियाँ ।
गुलशन है जिसके दम से, रश्क-ए-जिनां हमारा हमारा।।
सारे….
ऐ आब-ए-रौंद-ए-गंगा! वो दिन है याद तुझको ।
उतरा तेरे किनारे, जब कारवां हमारा ।।
सारे…
मजहब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना ।
हिन्दी हैं हम हिंदी हसीं हम, वतन हैं, हिन्दोस्तां हमारा हमारा ।।
सारे…
यूनान, मिस्र, रोमां, सब मिट गए जहाँ से ।
अब तक मगर है बाकी, नाम-ओ-निशां हमारा ।।सारे…
कुछ बात है कि हस्ती, मिटती नहीं हमारी ।
सिदयों रहा है दुश्मन, दौर-ए-जहाँ हमारा ।।
सारे…
‘इक़बाल’ कोई मरहूम, अपना नहीं जहाँ में ।
मालूम क्या किसी को, दर्द-ए-निहां हमारा ।।
सारे…
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