Menu
blogid : 954 postid : 591

नेताजी – जिन्दा या मुर्दा ३१. प्रश्न २०. पर्याप्त समय होते हुवे भी कर्नल रहमान ने नेताजी के प्रमुख सहयोगियों (जो उस समय साईंगोन में थे) को दाह संस्कार में सम्मिलित होने के लिए क्यों नहीं सूचित किया ?

Dharm & religion; Vigyan & Adhyatm; Astrology; Social research
Dharm & religion; Vigyan & Adhyatm; Astrology; Social research
  • 157 Posts
  • 309 Comments

जब कोई व्यक्ति मरता है तो उस समय उसके पास जो भी सर्वाधिक उत्तरादायी व्यक्ति होता है उसका यह कर्तव्य हो जाता है कि वह मृतक के घनिष्ट रह चुके व्यक्तियों को सूचित करे | कर्नल रहमान कम से कम नेताजी के उन पांच प्रमुख सहयोगियों (सर्वश्री एस. ए. अय्यर, देवनाथ दास, कर्नल प्रीतम सिंह, कर्नल गुलजारा सिंह एवं मेजर आबिद हसन ) को तो अंतिम संस्कार में सम्मिलित होने के लिए बुला ही सकते थे जो साईंगोन में नेताजी के पास पहुँचने की प्रतीक्षा कर रहे थे | इन व्यक्तियों को बुलवाने के लिए कर्नल रहमान के पास पर्याप्त समय भी था तो फिर……

*२०*
पर्याप्त समय होते हुवे भी कर्नल रहमान ने नेताजी के प्रमुख सहयोगियों (जो उस समय साईंगोन में थे) को दाह संस्कार में सम्मिलित होने के लिए क्यों नहीं सूचित किया ?
*२०*

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published.

    CAPTCHA
    Refresh