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धूल धूसरित फूल हैं ….

kavita
kavita
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basant filesधूल धूसरित फूल हैं
विधाता की ये भूल है .
ये भी बन सकते थे
किसी बगिया के फूल कली
लेकिन इनकी किस्मत में
सडकें और तंग गली .
ढाबे ,दुकान ,होटल इनके
बसते और स्कूल है .
धुल धूसरित फूल हैं .
झिलमिल टूटे तारे हैं,
फिर भी नहीं ये हारे हैं
अपने निर्बल मां -बाप के
ये कमज़ोर सहारे है ,
छोटे -छोटे हाथों से
बड़े ,बड़े ये काम करें
आराम नहीं जीवन में
काम ही उसूल है
धुल धूसरित फूल हैं .
कुछ इनके भी सपने होंगे
इनके भी कुछ अपने होंगे
इनकी भी कुछ चाहत होगी
कैसे इनको राहत होगी
कड़ी धूप में पाँव जले
जीवन इनको खूब छले
हाथों में पुष्पों की जगह
चुभे जा रहे शूल हैं
धुल धूसरित फूल हैं

धूल धूसरित फूल हैं

विधाता की ये भूल है .

ये भी बन सकते थे

किसी बगिया के फूल कली

लेकिन इनकी किस्मत में

सडकें और तंग गली .

ढाबे ,दुकान ,होटल इनके

बसते और स्कूल है .

धुल धूसरित फूल हैं .

झिलमिल टूटे तारे हैं,

फिर भी नहीं ये हारे हैं

अपने निर्बल मां -बाप के

ये कमज़ोर सहारे है ,

छोटे -छोटे हाथों से

बड़े ,बड़े ये काम करें

आराम नहीं जीवन में

काम ही उसूल है

धुल धूसरित फूल हैं .

कुछ इनके भी सपने होंगे

इनके भी कुछ अपने होंगे

इनकी भी कुछ चाहत होगी

कैसे इनको राहत होगी

कड़ी धूप में पाँव जले

जीवन इनको खूब छले

हाथों में पुष्पों की जगह

चुभे जा रहे शूल हैं

धुल धूसरित फूल हैं

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