Menu
blogid : 10099 postid : 584293

jagran junction fourm ,एक फूल और एक मोती से बने न कोई हार….

kavita
kavita
  • 72 Posts
  • 1055 Comments

>प्राचीन काल नारी घर से बाहर नहीं निकलती थीं |उनकी शिक्षा का भी कोई ठिकाना नहीं था उन्हें पर्दे में
रखा जाता था |बचपन में मत पिता ,भाई विवाह के बाद पति के अधीन रहती थीं |पति उनका भरण पोषण
करता था |नारी सदा घर में रहकर सारे काम करती थी .
लेकिन आज सभी लोग शिक्षा का महत्व समझ गये हैं .लडकियाँ पढ़ रही हैं और भविष्य में कुछ न कुछ
अपने बल पर करना चाहती हैं आज की लडकियों के लिए करियर पहले और विवाह दुसरे नंबर पे आता
है .नारी और पुरुष दोनों ही संसार रूपी परिवार के do पहिये हैं इन्हीं दोनों से सुर्ष्टि का नीर्माण हुआ .
प्रत्येक धर्म में शादी को आवश्यक माना गया है.हिन्दू धर्म में कन्यादान
को सबसे बड़ा दान माना गया है तो मुस्लिम में विवाह को सुन्नत रसूल अल्लाह कहा गया है.जिसे
करना जरूरी है .
हम लोग कई नमी गिरामी अविवाहित महिलाओं को जानते है जो अपने जीवन में बहुत सफल है .
लेकिन हमारे आपके आसपास भी नज़र डालिए तो जरुर अकेली महिला मिल जाएँगी जो अकेले
रहती हों हाँ सारी अकेली महिलाओं में एक बात समान होगी वोह आत्मनिर्भर जरुर होंगी ..
—————————-जैसा कई सभी धर्मों में विवाह को जरूरी माना गया है लेकिन कोई महिला
अकेली रहे तो क्या वो अधूरी है पुरुष के बिना ,नहीं बिलकुल नहीं .उसका अलग अपना व्यक्तित्व
है समाज में एक मोकाम है .वो कभी भी पुरुष के बिना अधूरी नहीं है .
हाँ ये जरुर है भगवन ने जब विवाह नाम कई संस्था बने है तो विवाह दोनों के लिए आवश्यक
है .परिवार का जन्म विवाह से ही होता है हर इन्सान चाहे नर हो या नारी वो अपने में पूर्ण होता
है विवाह का ये अर्थ नहीं है कि महिला अधूरी है और उसे एक सहारे कि जरूरत है ..
बल्कि मैंने तो ये देखा है आप ने भी गौर किया होगा कि पति कि म्रत्यु के बाद पत्नी बच्चों
को लेकर पूरा जीवन बिता देती है परन्तु पत्नी के देहांत के बाद पति अक्सर शादी कर ही लेते है
कारण चाहे जो भी पेश करें .|तो देखा जाये तो सहारे कि जरूरत तो पुरुष को ही पडती है ,महिलाएं
तो घर बाहर दोनों सम्हाल लेती है परन्तु पुरुष घर बाहर दोनों नहीं सम्हाल पाते हैं |
फिर भी …………………….
एक फूल और एक मोती से बने न कोई हार .
जब भगवान ,खुदा ,गॉड ने कायनात को बनाना चाहा तो पहले श्रद्धा मनु ,आदम हव्वा ,या एडम इवा
को ही बनाया जिस से संसार आगे बढ़े |
भगवान तो सर्व शक्तिमान है अगर वो चाहते तो केवल पुरुष या केवल नारी से ही कायनात का
निर्माण करते लेकिन उन्होंने दोनों को एक दुसरे का पूरक बनाया क्यूंकि .
………….
एक फूल और एक मोती से
बने न कोई हार
इन्हें बनाया भगवन ने
इक दूजे का श्रृगार
यहाँ से शुरू हुआ
शुरू हुआ ,
शुरू हुआ संसार

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply