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बीरबल की गिरफ्तारी

शाश्वत सत्य
शाश्वत सत्य
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मान सिंह.! कहां हो मान सिंह? अकबर क्रोध से दहाड़ रहे थे। मान सिंह उस वक्त तोपों के एक दलाल से डीलिंग पानी में व्यस्त थे, भागे भागे दरबार में आये..। मानसिंह तुरन्त सारी फौजों को बीरबल के गांव कूच करने का हुक्म दो। उसे अभी गिरफ्तार करना है, अकबर चिल्लाए । बिल्कुल सही वक्त पर ऐतिहासिक फैसला लिया है हुजूर ,मानसिंह आह्लादित हो उठे । मै तो शुरू से कहता था कि ये बहुत गलत टाइप का आदमी है..। सर ये मेरे साले का बायोडाटा है। बीरबल की जगह खाली हो रही है तो जरा .. हें हें हें.. अरे यार ये सब तमाशा बाद में करना। हम लोगों के पहुचने से पहले ही पट्ठा भाग न जाये। अति गोपनीय शाही फैसला है, लीक तो होना ही है। ऐ किसको फोन कर रहा रे, अचानक बादशाह ने एक दरबारी को फटकारा। सर, वो मेरा चचिया ससुर.. चुप, रख फोन, अकबर डपटे। तुरन्त सब लोग कूच कर गये.. रास्ते में अति प्रफुल्लित मान सिंह ने बीरबल का अपराध पूछा तो अकबर फट पड़े.। देखो उसकी शिकायतें तो शुरू से ही मिलती थी कि फ्राड टाइप का आदमी है। उधार खाकर डकारने में बड़ा तेज है। पचास ठो तो सिम रखता है। जब मिलाओ स्विच आफ, खुद जब बात करना होता है तो धीरे से आन करके बतिया लेता है, फिर स्विच आफ कर देता है। इस बार तो हद ही हो गयी, मुझे ही फंसा दिया, अपने बाबा की बीमारी के नाम पर मुझसे उधार ले लिया। चार दिन में लौटाने की बात करके गया था, पन्द्रह दिन हो गये पता ही नहीं लगा। जब फोन लगाता हूँ, हलो.. हलो कर के काट देता है, उसके बाद फोन को नाट रिचेबुल कर देता है। पीएनटी से मिलाया तो चार बार हलो- हलो कर के काटा और बोला कि पता नहीं कौन नीच मिला रहा है, पर बोल नहीं रहा है। बस तभी मै समझ गया कि सारा ड्रामा मेरी रकम हड़पने के लिए हो रहा है, अभी बंधवा कर पचास कोड़े लगवाऊंगा, सही हो जाएगा। तभी दूरबीन मंत्री चीखा.. लगता है हर बार की तरह खबर फिर से लीक हो गयी है। बीरबल वेष बदलकर स्कूटर से भागता दिखाई दे रहा है। आनन-फानन में बीरबल को घेरा गया वेष बदलने के लिए पट्ठे ने सिर के बाल व मूँछें तक मुड़वा ली थी। अकबर ने उसे टाइट करना शुरू किया। सारा माजरा जान कर बीरबल हँसने लगा, क्या हुजूर आप भी? दरअसल जैसे ही गाँव आया बाबा चल बसे। चँूकि बाबा के पास कई बीघे खेत थे, इसलिए मुझे ही सब करना पड़ा, मै हिल नहीं सकता था। रहा सवाल मोबाइल का तो आज कल जैसे ही हैलो करिये पुलुक करके कट जाता है। फिर घंटों नही मिलता। आपको मिलाया तो हमेशा बोलता है कि उपभोक्ता इस समय महिलाओं के साथ व्यस्त है। नरक कर दिया है मोबाइल ने आज कल। पूरा लाव-लश्कर सरकारी मोबाइल दफ्तर पर इस दुर्दशा का कारण जानने पहुँचा। पूछने पर आला अफसर बताने लगे.. का किया जाय, अधिकारियों की रिश्तेदार भर्ती योजना के कारण विभाग में कर्मचारियों की फौज खड़ी हो गयी है। नौकरी से निकाल सकते नहीं। पहले बेचारे खंभे पर लटककर एसटीडी कराके कमा लेते थे। उनसे कुछ काम कराना ही है, सो सबको पब्लिक का फोन सुनने की ड्यूटी लगा दी गयी है। अब जैसे ही फोन सुनने वाला कर्मचारी देखता है कि फालतू टाइप की बातें हो रहीं है तुरन्त काटकर तोता मैंना टाइप की बातें सुनने लगता है। कई बार तो बातों के दौरान ही तोता मैना का बैलेंस खत्म होने पर भाई लोग किसी और का बैलेंस तोता मैना के फोन में ट्रान्सफर कर देते हैं कि कहीं ऐन मौके पर बैलेंस ही न खत्म हो जाय। रहा सवाल फोन कटने का तो एक बार की बात के लिए पब्लिक का बीस बार बिल उठता है। उससे राजस्व की जबर्दस्त वृद्धि हो रही है। अकबर निरूत्तर हो गये थे।

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