Menu
blogid : 1114 postid : 52

संस्कृत की कापी में मेढक

शाश्वत सत्य
शाश्वत सत्य
  • 37 Posts
  • 0 Comment

बिल्कुल भ्रष्ट हो गयी ह शिक्षा व्यवस्था, जमकर नकल हुयी है इस बार तो, क्या होगा छात्रों के भविष्य का? मूल्यांकन केंद्र पर बोर्ड की कापियां जांचते एक गुरू जी बड़बड़ा रहे थे। अरे पर हुआ क्या? दरअसल बात ये है कि नकल नहीं होती है तो स्टूडेंटों के पेपर खराब होते हैं तभी कांपी जांचते समय कांपियों से हरे-हरे नोट निकलते हैं यहां सरवा इस भीषण गर्मी में पांच दिन से कापी जांच रहा हूं एक चवन्नी भी नहीं निकली, क्या होगा देश के भविष्य का। उधर एक गुरू जी के घर पर ताण्डव मचा था गुरू की पत्‍‌नी लड़ने झगड़ने के उपरांत विलाप कर रही थीं. करम फूट गये हिन्दी मास्टर की बीवी बने के वहीं बगल में मैथ वाला दुबवा है रोज हजार बारह सौ के नोट कापियों में पा जा रहा है सोशल साइंस वाले तक पा जा रहे हैं तुमको कोई नहीं पूछ रहा है, हे करवा चौथ मइया मेरा अंतिम जनम हो इनके साथ। उधर एक गुरू जी स्केल से कापियों में पता नहीं क्या नाप कर नंबर दे रहे थे पूछने पर बोले शासनादेश आया है कि स्टेप वाइज नंबर देना है वही नाप नाप के दे रहा हूं अरे तो पढ़ के नंबर दीजिये न? किसको इतना फुर्सत है कि बइठ के पढ़े, पढ़े लगब त लटक जइहें बेटा लोग। उधर कुछ गुरूजन नंबर बढ़वाने आये बंदों से डीलिंग पानी में व्यस्त थे। तभी बगल के कमरे में बड़ा जोर का शोर उठा पता लगा कि एक फर्जी कापी जांचक धरा गया है पूछने पर पट्ठा बताने लगा कि का करें बाउजी को नेता जी के साथ एमएलसी के परचार में जाना था हमसे कहे कि का करना है तुमही चले जाओ, आठ तक पढ़बे किये हो इंटर गणित की कापी जांचना है इस पर बगल के शिक्षक ने डांटा कि बहुत गलत बात है ये, छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ मत करो, मैं भी आठवीं का हिन्दी का टीचर हूं सात साल से इंटर फिजिक्स की कापी चेक कर रहा हूं साल्व लेकर आता हूं। जबकि फर्जी शिक्षक की गिरफ्तारी की बात सुनकर बगल वाले रूम के आधे मास्टर भाग खड़े हुये तभी एक गुरू जी को चार आदमी कंधे पर टांग कर ले जाने लगे, पता चला के गुरू जी ने जब डेढ़ सौंवीं कापी में भी यही लिखा पाया कि तुलसी दास जी का जन्म न्यूयार्क शहर में हुआ था और सुप्रसिद्ध हीरोइन नंदिता दास उनकी पुत्री है तो गुरू जी ने प्राण त्याग दिये, उधर एक पिचानवे वर्ष के गुरू जी जिन्हें न कुछ दिखाई देता था न कुछ सुनाई देता था उनको उनके पोते खटिया पर टांग के कांपी जंचवाने लाते थे बीच में गुरू जी के पेन की रिफिल खत्म हो गयी पर इसका पता उनको मूल्यांकन के बाद ही लगा। वहीं एक मेज पर कुछ अगरबत्तियां और लोहबान जला कर रखे थे और कुछ कापियां भी रखी थीं पता लगा कि तमाम मृतकों को भी परीक्षक बनाया गया है उन्हीं की आत्मायें कापियां जांच रही हैं ऐसा न किया जाय जो ये आत्माएं मूल्यांकन ही नहीं होने देती हैं, जबकि गुरू मटुकनाथ दूबे केवल छात्राओं को वो भी यदि उन्होंने रसीला प्रेम पत्र लिखा है तो ही नंबर दे रहे थे इसका फायदा तमाम काइयां टाइप के लड़को ने उठा लिया। एक गुरू जी दहाड़ रहे थे कि बताइये क्या पढ़ रहे हैं आजकल के स्टूडेंट संस्कृत की कापी में मेघा बनइलें बाटें सब, लोगों को विश्र्वास नहीं हुआ तो गुरू जी भी अड़ गये कापियां देखीं गयी तो पता लगा गुरूजी पांच दिन से बायोलोजी की कापी संस्कृत समझकर जांच रहे थे। चलते चलते आईपीएल में गब्बर इलेवन और ठाकुर डेयर डेविल्स में मैच हुआ गब्बर इलेवन ने बीस ओवर में तीन सौ चालीस रन बनाये वो कैसे? खुद ठाकुर ही विकेट कीपिंग कर रहे थे। साभार शैलेश त्रिपाठी जी

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh