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भक्तजनों !!!! कैसे हो सालों……….

शाश्वत सत्य
शाश्वत सत्य
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एक बार प्रवचन चल रहा था, किसी अन्धकार महाराज जी का प्रवचन….. सारे प्रोमोटर खुश, लाखों की तादाद में पब्लिक बैठी खुश .. इतने में फ़ोन बजा की अन्धकार महाराज जी नहीं आ सकते उनकी तबियत ख़राब है . तो ये सुनते ही हालत खराब हो गयी उनकी .. स्टेज के पीछे आये तो गटर में से आवाज़ आई ..

S: कौनो परेशानी में हो भक्त जनों …?

प्रोमोटर्स ने पूछा आप कौन हो ?

S: बाबा हूँ ,,,

प्रोमोटर्स ने बोला गटर में क्या कर रहे हो ?

S: इलाहाबाद में समाधि ली थी , बहते बहते यहाँ आया हूँ .. बहुत पंहुचा हुआ बाबा हूँ , डेली जलसमाधि लेता हूँ ..

प्रोमोटर्स बोले अच्छा ठीक है और बाहर निकाला , बोले आपको मालूम है …?

S: हाँ समझ गए अब , प्रवचन करना है ..

प्रोमोटर्स ने बोला आप कर सकते हैं ….?

S: प्रवचन हो या बोलवचन हो , इलाहाबाद वाले सब में आगे हैं .. ५०० रुपये तैयार रखो अभी जाके आता हूँ ..

प्रोमोटर्स ने बोला ….. चलो मरता क्या न करता .. देखते हैं इसको ट्राई करते हैं ..

एक शराबी आदमी लाखों लोगों के सामने प्रवचन कर रहा है …

S: भक्त जानो !!!!………..sss…. कैसे हो सालों …

लोगो ने कहा , सालों ..

S: कैसे हो सालों के बाद आया हूँ , कैसे हो ….?

लोगो ने कहा गुरु जी अच्छे हैं ..

S: प्रवचन करने आया हूँ , जीवन क्या है … सिर्फ एक खम्भा ..

लोगो ने कहा -खम्भा मतलब ???

पब्लिक ने कहा पीने की बात कर रहा है .

S: खम्बा मतलब लकड़ी ,… वो कौव्वाली नहीं सुनी … देख तमाशा लकड़े का ………….. भक्त जनों !!!!!

लोगो ने कहा- हाँ …

S: वैसे काम तो अद्धे से भी चल जाता है ..

लोगो ने कहा- अद्धे से मतलब ????

S: आधी रोटी , आधा कपडा …. आधी रोटी, आधा कपडा, आधा – आधा , जीवन सादा , जय महाराजा ………….. भक्त जनों !!!!!!!!……. वैसे हम जैसे महापुरुष तो अपना काम क्वार्टर से भी चलते हैं

बोला क्वार्टर , पीने की बात कर रहा है ..

S: छोटा गवर्नमेंट क्वार्टर , हमको हवेली की ख्वाहिश नहीं है , बंगले की ख्वाहिश नहीं है .. माया मोह में हम जाना नहीं चाहते .. छोटे क्वार्टर में ही खुश रहते हैं ,,,
भक्तजनों !!!!!!!!!!!…………

लोगो ने कहा , क्या …

S: माया क्या है … क्या है माया ????…

लोगो ने कहा- क्या है ???

S: एक बार वाली छोकरी ..

लोग बोले – बार वाली छोकरी है ???…

S: हाँ शरीर से बाहर वाली छोकरी जो शरीर के अन्दर जाती है और हमें माया मोह में दाल देती है ..

प्रोमोटर समझ गए की अब ये फसा देगा . तो उन्होंने पांच सौ रुपया दिखाते हुए इशारा किया…

S: भक्त जनों !!!!…. वैसे मन तो नहीं कर रहा है जाने का परन्तु नशे का वक़्त हो गया है ..

लोगों के बोला नशे का वक़्त …?

S: अबे प्रभु की भक्ति भी तो नशा है … अभी जमके नशा करूँगा , जल -समाधि में चला जाऊंगा .. कल इलाहाबाद में मिलूँगा ….. भक्त जनों ssssssssssssss………….

-साभार सुनील पाल जी

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