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जैसे को तैसा

शाश्वत सत्य
शाश्वत सत्य
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जैसे को तैसा बड़ी पुरानी बात है कपटीपुरम में एक से एक मिलावटबाज व्यापारी रहते थे जो दिन रात अपना मिलावटी सामान यहां वहां सप्लाई करते रहते थे। आलम यह था कि लोग मिलावटी सामानों के इतने आदी हो चुके थे कि कहीं कोई सही आइटम खा लेता था तो तत्काल बीमार पड़ जाता था। संक्षेप मे कहें तो कपटीपुरम में मिलावट बाजी का फुल माहौल था जिसकी वजह से प्रतिवर्ष हजारो लोग असमय काल के गाल में समा जाया करते थे। कपटीपुरम के अफसर भी बेचारे बड़े सीधे सादे हुआ करते थे, जो दे दो बेचारे चुपचाप रख लेते थे शान्ति से महीना देते रहो कभी डिस्टर्ब नहीं करते थे। फिर भी कभी यदि गिरफतारी का टार्गेट आ जाता और कोई बंदा रंगे हाथ मिलावट करता धरा भी जाता तो सारे मिलावटबाज एवं उनके चन्दो से चुनाव लड़ने वाले नाना प्रकार के नेता इकट्ठा होकर हो हल्ला धरना प्रर्दशन आदि करने लगते थे कि पहले सेम्पुल भर के जांच के लिये भेजा जाये जांच रिपोर्ट आने के बाद ही गिरफ्तारी हो। फि र सेम्पुल जांच के लिए सरकारी प्रयोगशाला भेजा जाता और प्रयोगशाला का तो भइया पूछिये ही मत वहां तो खुला रेट था लिहाजा सारी रिपोर्ट मनमाफिक आतीं और कारोबार चकाचक चलते रहते। कभी बहस होने पर मिलावटखोर कहते कि हर जगह तो मिलावट है, क्रिकेट मे ऐड व डांस की मिलावट है पालिटिक्स में क्राइम की मिलावट है इधर की पार्टी का बंदा उधर जाकर मिल जाता है, फिल्मों मे विदेशी कहानियों व धुनों की मिलावट है तो हमलोग क्यों न करे,पूछने वाला भाग खड़ा होता इस प्रकार सबके दिन अच्छे से कट रहे थे। पर एक बात थी सारे मिलावटबाज धार्मिक बहुत थे। भले उनकी कृपा से कई लोग टें बोल जायें पर साल मे एक बार बाबाधाम अमरनाथ जरूर जाते थे। एक बार कपटीपुरम मे एक व्यापारी को असलहे का लाइसेन्स मिलने की खुशी में शानदार भोज हुआ जिसमें मिलावटी तेल की पूडि़यां खाकर कई मिलावटखोर बीमार पड़ गये जिन्हे देखने तमाम लोग आये जिनमें उन्नाव का एक सीनियर व्यापारी भी आया जो डूप्लीकेट धनिंया मिर्चा सप्लाई करता था जिसकी सभी बड़ी इज्जत करते थे। उसने आते ही सबको लताड़ना शुरू किया कि हजार बार कहा है कि थोड़ा ख्याल से काम किया करो, लाख मिलावटी सामान बेचो पर उपने यूज के लिए तो कम से कम शुद्ध आईटम रखा करो, मैने कई बार कहा कि उन्नाव में मेरे कई सरसो तेल के कोल्हू चलते हैं जहां ओरिजनल सरसो तेल केवल व्यापारी भाईयों को ही दिया जाता है कहो तो यहां भी मगवा दूं। सुनकर कुछ लोगो ने वह तेल मंगाया जो वास्तव में बड़ा ही सालिड था, उसको खाते ही बीमार लोग हृष्ट पुष्ट होने तो फिर तो सारे व्यापारियों के घरों से जबरदस्त डिमाण्ड आने लगी, हजारो टिन तेल रेगुलर उन्नाव से आने लगा। एक दिन एक बहुत ही पहुंचे हुए स्वामी जी जिनकी स्टिंग सीडी मार्केट में बड़ी पापुलर हुयी थी एक व्यापारी के घर पहुचे, जिनके आवभगत में छप्पन प्रकार के व्यंजन परोसे गये परन्तु खाने के पूर्व ही स्वामी जी ने अपनी दिव्य दृष्टि से ताड़ लिया कि भोजन मे भारी गड़बड है। उन्होने तत्काल तेल का टिन मंगवा कर पलटवाया तो उसमे से तमाम पशुओं की चर्बी के टुकडे मिले। लोग सन्न रह गये फिर बाकी घरों में भी चेक किया गया तो सभी तेल चर्बी वाला निकला। समस्त व्यापारी क्रोध से फट पड़े, जमकर धरना प्रर्दशन हुआ उन्नाव वाले व्यापारी को पकड़ कर पीट पाट कर थाने ले लाया गया गिरफतारी की मांग होने लगी पर हाय रे किस्मत..। प्रशासन ने कह दिया कि पहले नमूना जांच के लिये भेजा जायेगा, रिपोर्ट आने के बाद ही गिरफतारी होगी। सबके चेहरे उतर गये, तेल वाला व्यापारी हंसते मुस्कुराते उन्नाव चला गया।

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