Menu
blogid : 14460 postid : 637734

कब मिलोगे तुम ?

Features and Articles
Features and Articles
  • 11 Posts
  • 7 Comments
कब मिलोगे तुम ?
दिल मे दर्द,नज़रो मे एक बात छिपाये बैठे है,
तुम मिलोगे और जरुर मिलोगे.ये आस लगाये बैठे है |
जीवन कि गाड़ी को धक्का दे-दे कर चला रहे है हम |
हे ईश्वर! अल्लाह ! जीजस ! कब मिलोगे तुम ?
इस शरीर से सांसो को निकल दो,
इस नश्वर शरीर के अंग अंग को तार दो |
अपनी खुली बाहों से हमे स्वीकाल लो
अपने मानसपटल पर हमारी छवि उतर लो |
अपनी शरण मे हमे स्थान दो
हे ईश्वर इस पापी और मतलबी जगत से हमे उबार दो|
मेरा  तन,मन,धन,सब तेरा है
मेरे रोम रोम मे तेरा बसेरा है |
तुम्हारे अमृत के प्यासे है हम
हे ईश्वर ! अल्लाह ! जीसस कब मिलोगे तुम ?

दिल मे दर्द,नज़रो मे एक बात छिपाये बैठे है,

तुम मिलोगे और जरुर मिलोगे.ये आस लगाये बैठे है |

जीवन कि गाड़ी को धक्का दे-दे कर चला रहे है हम |

हे ईश्वर! अल्लाह ! जीजस ! कब मिलोगे तुम ?

इस शरीर से सांसो को निकल दो,

इस नश्वर शरीर के अंग अंग को तार दो |

अपनी खुली बाहों से हमे स्वीकाल लो

अपने मानसपटल पर हमारी छवि उतर लो |

अपनी शरण मे हमे स्थान दो

हे ईश्वर इस पापी और मतलबी जगत से हमे उबार दो|

मेरा  तन,मन,धन,सब तेरा है

मेरे रोम रोम मे तेरा बसेरा है |

तुम्हारे अमृत के प्यासे है हम

हे ईश्वर ! अल्लाह ! जीसस कब मिलोगे तुम ?

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply