Menu
blogid : 5235 postid : 76

बीसीसीआई बनी बनिये की दुकान

एक नजर इधर भी
एक नजर इधर भी
  • 25 Posts
  • 209 Comments

bcciभारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए आज क्रिकेट देखना एक जहर का घूंट बनता जा रहा है. इस जहर को वह न तो पी सकते हैं और न ही इसके बिना रह सकते हैं. क्रिकेट खिलाड़ियों का एक नौसिखिया टीम की तरह प्रदर्शन करना, न बैट, न बॉल और न ही फील्डिंग में योगदान देना लोगों के अंदर खीझ पैदा कर रहा है. उधर इनके बुरे प्रदर्शन पर बीसीसीआई को कोई लेना देना नहीं, हो भी क्यों बनिये की दुकान जो बन गई है. इसके दुकान में टेस्ट क्रिकेट तो पुरानी प्रोडक्ट हो गई है अब तो चकाचौंध और ग्लैमर से भरी आईपीएल ने जगह बना ली है.


टेस्ट को खिलाड़ी अलविदा नहीं कर रहे है बल्कि बीसीसीआई ही नहीं चाहती कि विश्व के किसी भी हिस्से में टेस्ट मैच खेला जाए. अगर ऐसा होता तो भारतीय टीम को इस दौर से नहीं गुजरना पड़ता. आज बीसीसीआई अपने सभी नियम आईपीएल (अर्थात पैसे) को देखकर बनाती है. टेस्ट की जगह आईपीएल को प्रमोट करती है. इसमें बॉलीवुड का तड़का डालती है. एक बनिये की दुकान की तरह नफा नुकसान देखती है. हर समय पैसे के बारे में सोचती है. पैसे के लिए इतनी भूखी रहती है कि वह यह भी नहीं समझ पाती कि कौन सा खेल क्वालिटी से संबंधित है और कौन सा मात्र दिखावटी.


बीसीसीआई ने अपने खिलाड़ियों को एक ऐसा प्रोडक्ट बना दिया है जो केवल धन दे, रन से कोई मतलब नहीं है. इस खिलाड़ी रूपी प्रोडक्ट की क्वालिटी इतनी गिर चुकी है कि कोई भी उपभोक्ता (दर्शक) इन पर उम्मीद करना छोड़ दिया है. अपने देश में यह प्रोडक्ट तो खूब चलता है लेकिन विदेशों में इसके बड़े-बड़े प्रतिद्वंद्वी मिल जाते हैं जिनके सामने यह घटिया क्वालिटी का प्रोडक्ट बन जाता है. अपने आप को प्रदर्शित न कर पाना इस प्रोडक्ट की फितरत बन चुकी है. इस प्रोडक्ट को बड़े देश के अलावा छोटे देश में भी निर्यात किया जाता है. छोटे देश इसकी क्वालिटी को भांप नहीं पाते तो वहां यह अच्छा प्रदर्शन कर देते हैं जैसे वेस्टइंडीज और बांग्लादेश. लेकिन जब इनका सामना किसी बड़े खिलाड़ी देश से होता है तो इस प्रोडक्ट की न केवल निन्दा की जाती है बल्कि तिरस्कार कर इन्हें उस देश से निकाल फेंका जाता है जैसे इंग्लैड और आस्ट्रेलिया.


प्रोडक्ट लॉच होने से पहले (अर्थात सीरीज शुरू होने से पहले) इसकी खूब बखान की जाती है. कहा जाता है कि यह प्रोडक्ट देश के साथ-साथ विदेशों में भी धूम मचाएगी. धूम मचाना तो दूर कुछ दिन बाद ग्राहकों (दर्शकों) को इसकी असलियत का पता चल जाता है. उधर पैसा प्रेमी और बनिया बना बीसीसीआई आईपीएल के अलावा कुछ सोच ही नहीं सकता. अगर इसी तरह हाल रहा तो जो वह उम्मीद लगा कर बैठा कि टेस्ट को छोड़ आईपीएल के लिए बहुत सारे ग्राहक (दर्शक) मिलेंगे तो वह गलत सोच रहा है.


Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh