- 25 Posts
- 209 Comments
पिछले एक हफ्ते से पूरे देश में यहां तक कि विदेशों में भी अन्ना की अन्नागिरी लोगों के सर चढ़ बोल रही है. लोग अपने आप को अन्ना साबित करने की खातिर हर तरह की गतिविधियों में लिप्त हो रहे हैं. वह अन्ना की भक्ति में इतने विलीन हो चुके हैं कि देश-दुनियां में क्या हो रहा है उन्हें कोई सुझ नहीं रहा. बस ‘अन्ना तुम संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं’ के नारे के साथ झुम रहे हैं. नौकरी, घरबार, तथा देश दुनियां की हलचल को छोड़ कर यह समर्थक अपना किमती समय अन्ना के नाम समर्पित कर चुका है.
पहले दिन से ही यह लोग अन्ना को भारी संख्या में समर्थन देते हुए दिखाई दिए. वह अपने आप को एक पल के लिए भी अन्ना से जुदा नहीं होने देना चाहते. क्या हो दिन क्या हो रात, क्या हो बारिश क्या हो धूप हर तरह के मौसम में अन्ना को दिल में लिए उनके जन लोकपाल को समर्थन करते हुए दिखाई दिए. उनका दिल केवल अन्ना और अन्ना के लिए धड़कता है. उनका तन, मन, और जुबान तीनों ही अन्ना के सुर में शामिल हो चुका है.
अन्ना की एक हुंकार से यह समर्थक सांसदो और मंत्रियो के घर के आगे डेरा लगाकर बैठ जाते हैं. उनकी अहिंसावादी विचारधारा को अपने दिल से लगाकर इन्ही भ्रष्ट नेताओं और मंत्रियों को गुलाब का फुल और गुलदस्ता देते है. जब अन्ना कहते हैं कि हिंसा नहीं करना किसी व्यक्ति विशेष और देश की सम्पत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाना तो उनके समर्थक इसे पत्थर की लकीर समझ कर उसे अपने जीवन में उतार लेते हैं.
यह समर्थक उनसे इतना प्यार करते हैं कि उनके नाम की टोपी और झंड़े लिए सड़कों पर उतर आए है. उनको हिंदू धर्म के अनुसार राम और कृष्ण का दर्जा देते है जबकि देश को दीमक की तरह खोखला करने वाले भ्रष्टाचारियों को रावण और कंस का नाम देते हैं.
अन्ना का इतना बड़ा रुप देखकर देश के बड़े नेता भी आश्चर्यचकित हो रहे है. उन्हें इस बात का विश्वास नहीं हो रहा कि एक व्यक्ति जिसे जनता के जनसमूह में शामिल होने में कुछ ही महीने हुए हैं वह जनता के लिए देवता का रुप किस तरह ले सकता है. इसका एक ही जवाब हो सकता है वह है अन्ना का निष्पक्ष और ईमानदार व्यक्तित्व.
Read Comments