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वो एक छोटी सी कन्या,

Poem
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वो एक छोटी सी कन्या,

वो एक छोटी सी कन्या,
आसमान को चूमती,
बारिश में झूमती,
तारों को घूरती,
हर पल चिडिया सी चहकती,
वो एक छोटी सी कन्या।
पापा की नन्ही सी परी,
मम्मी की लाडो प्यारी,
भैया बहिन के लिए चिंगारी,
घर की फुलवारी,
वो एक छोटी सी कन्या।
लाल लहँगे में खडी,
सोलह श्रंगार से सजी,
कुछ खुशी कुछ गम लिए,
कब एक पल में सब से पराई हो गई ,
वो एक छोटी सी कन्या।
नई ज़मीं मे, नए आसमान में,
नए रिश्तों में अपनी पहचान भूल,
सबकी पसंद अपनाती,
वो छोटी सी कन्या।
सबकी खुशी में अपनी खुशी ढूँढते,
बच्चो को संभालते, घर को सजाते,
अपने सपनो को भूलते भूलते,
कब अचानक से बूढ़ी हो गई,
वो छोटी सी कन्या।।
वो एक छोटी सी कन्या,

वो एक छोटी सी कन्या,
आसमान को चूमती,
बारिश में झूमती,
तारों को घूरती,
हर पल चिडिया सी चहकती,
वो एक छोटी सी कन्या।
पापा की नन्ही सी परी,
मम्मी की लाडो प्यारी,
भैया बहिन के लिए चिंगारी,
घर की फुलवारी,
वो एक छोटी सी कन्या।
लाल लहँगे में खडी,
सोलह श्रंगार से सजी,
कुछ खुशी कुछ गम लिए,
कब एक पल में सब से पराई हो गई ,
वो एक छोटी सी कन्या।
नई ज़मीं मे, नए आसमान में,
नए रिश्तों में अपनी पहचान भूल,
सबकी पसंद अपनाती,
वो छोटी सी कन्या।
सबकी खुशी में अपनी खुशी ढूँढते,
बच्चो को संभालते, घर को सजाते,
अपने सपनो को भूलते भूलते,
कब अचानक से बूढ़ी हो गई,
वो छोटी सी कन्या।।

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