ख्वाहिश से भरे दिल की ,माधुरी मानिनी है . …………………………………………………….. नज़रें जो देती उसको ,हैं मान महनीय का , देती है उन्हें आदर ,ऐसी कामायनी है . …………………………………………………. कायरता भले मर्दों को ,आकर यहाँ जकड़ ले , देती है बढ़के संबल ,साहस की रागिनी है . …………………………………………………………. कायम मिजाज़ रखती ,किस्मत से नहीं रूकती , दफनाती मुसीबत को ,दमकती दामिनी है . ………………………………………………………….. जीवन के हर सफ़र में ,चलती है संग-संग में , गागर में भरती सागर ,ये दिल से ”शालिनी” है . …………………………………………………………………. शब्दार्थ -महनीय-पूजनीय /मान्य ,कामायनी -श्रृद्धा ,कायम मिजाज़ -स्थिर चित्त ,शालिनी -गृहस्वामिनी .
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