नवाज शरीफ ने वैसे ”देहाती औरत ”शब्द नहीं कहा किन्तु यदि उन्होंने हमारे प्रधानमंत्री जी को देहाती औरत कहा है तो उन्होंने उनकी सही पहचान की है देहात में औरत जितनी ईमानदारी और मेहनत से काम कर अपने घर व् खेत के लिए काम करती है वैसे शहरी औरत कर ही नहीं सकती क्योंकि यहाँ वह दूसरों के लिए काम करती है और देहाती औरत अपने घर व् खेत के लिए काम करती है . साथ ही औरत शब्द का उच्चारण उनके लिए करना उनके सम्मान को बढ़ाना ही है क्योंकि ये कहा भी गया है की अगर औरत में आदमी के गुण आ जाएँ तो वह कुलटा हो जाती है और अगर आदमी में औरत के गुण आ जाएँ तो वह देवत्व पा लेता है . ऐसे में वे या पाकिस्तानी ने उन्हें सही तरह देश भक्त की पहचान दी है वैसे भी हमारे देश के रत्नों को देश के बाहर ही महत्व मिलता है हमारे लिए तो ”घर की मुर्गी दाल बराबर ”होती है . शालिनी कौशिक [कौशल ] .
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