- 791 Posts
- 2130 Comments
ये देश कानून से चलता है ,यहाँ कानून की सत्ता है ,कानून सर्वोपरि है ,ऐसी बातें सुनी बहुत पर देखी नहीं क्योंकि कानून का मखौल आम जनता या आम सड़कें क्या उड़ाएंगी उसके लिए कचहरी परिसर ही पर्याप्त है .कैराना [शामली ] की कचहरी ऐडीजे कोर्ट तक विस्तृत है और एडीजे व् सिविल जज सीनियर डिवीजन के क्वार्टर जहाँ स्थापित हैं वहीँ उनके क्वार्टर से आगे कचरा अधिकांशतः बहुत विशाल आकार में एकत्र किया जाता है कि वहां कैराना नगरपालिका की गाड़ी आएगी व् उस एकत्रित कचरे को उठा ले जाएगी ,ऐसा होता भी है किन्तु इसके साथ साथ एक नया काम और शुरू हो गया है वह है कचरे में आग लगाने का जिसके लिए राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण एन. जी. टी. कठोर कानून बनाकर प्रतिबंध लगा चुका है किन्तु कानून का बेअसर रहना स्पष्ट तौर पर दिखाई दे रहा है. इस तरह की घटनाओं से कानून का निष्प्रभावी होना पर्याप्त रूप में दिखाई देता है. एन.जी.टी.द्वारा अपनी वेबसाइट बना उस पर लोगों से शिकायत दर्ज कराना व फोन नंबर दे उसका अनुपलब्ध रहना आम जनता में निराशा भरने हेतु पर्याप्त है. स्वयं लेखिका के आवास से जुड़े बगीचे को लेकर उसी कचहरी में तहसील दिवस पर बार बार शिकायतें दिया जाना और प्रशासन द्वारा पूछताछ में सारी स्थिति साफ कर देने पर भी कोई सरकारी प्रक्रिया अमल में नहीं लायी गयी. कूड़ा कचरा लगातार जलाया जा रहा है और लेखिका के बगीचे के पेड़ व लेखिका के भवन का माहौल स्वच्छ वातावरण के लिए तरस रहा है किन्तु जब कचहरी परिसर, एडीजे व सिविल जज सीनियर डिवीजन के क्वार्टर तक ऐसे वातावरण को झेल रहे हैं तो लेखिका को भी हाथ पर हाथ धरकर बैठ जाना चाहिए और एन.जी.टी.की कभी भविष्य में सफलता की भगवान् से प्रार्थना करनी चाहिए, परिस्थितियां तो यही कहती हैं. शालिनी कौशिक एडवोकेट
Read Comments