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क्यूँ खो रहे हैं मोदी अपना हौसला ?

! मेरी अभिव्यक्ति !
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भाजपा आजकल सर्वाधिक डिमांड में है .जिसे देखो सिर के बल इसमें प्रवेश पाने को भागा जा रहा है और यह प्रवेश यदि कोई यह कहे कि वह देशसेवा के लिए करने जा रहा है तो व्यर्थ भुलावे में डालने की कोशिश कही जायेगी क्योंकि देशसेवा जैसी भावना आजकल के इन राजनेताओं में होना असम्भव नहीं तो कठिन अवश्य है ये सब तो मात्र इसलिए हो रहा है क्योंकि जिस दल से कथित देशभक्त ,स्वाभिमानी ताल्लुक रखते हैं अब उस दल को एक डूबते हुए जहाज के रूप में आंक रहे हैं और इसलिए तेजी से भागते हुए उस जहाज में चढ़ने में लगे हैं जिसकी तली में नरेंद्र मोदी जी पहले ही छेद कर चुके हैं और मीडिया का एक बड़ा तबका उनकी लहर बताकर इन सभी को भरमाने में लगा है और ये भागमभाग तभी तक जारी है जब तक टिकट वितरण जारी है उसके बाद किसी के न स्वाभिमान को ठेस लगेगी और न ही किसी को देशभक्ति की सुध रहेगी और ये सब उन नरेंद्र मोदी की लहर के लिए किया जा रहा है जिनके लिए भाजपा स्वयं एक सुरक्षित सीट ढूंढने में अपने पुराने कर्मशील मुरली मनोहर जोशी को ठेस पहुँचाने में लगी है .कहने को नरेंद्र मोदी की लहर है और उनके दमपर न केवल भाजपा उछल रही है वरन बहुत से अन्य दलों के नेता उन दलों से भागे आ रहे हैं जिनमे उन्हें टिकट की घोषणा तक हो चुकी है अब अगर नरन्द्र मोदी जी की वास्तव में इतनी तेज लहर है तो क्यूँ उन्हें सुरक्षित सीट देने की व्यवस्था की जा रही है और क्यूँ मुरली मनोहर जोशी से जबर्दस्ती उनकी सीट ली जा रही है ?जिस तरह की लहर मोदी की कही जा रही है उसमे या तो उन्हें अपने राज्य से ही लड़ना चाहिए या फिर किसी ऐसी सीट से लड़ने की हिम्मत दिखानी चाहिए जहाँ आज तक भाजपा का खाता खुला ही न हो .आखिर मोदी को अपने राज्य से या फिर किसी असुरक्षित सीट से खड़े होने में डर क्यूँ है क्या वे नहीं जानते –
गिरते हैं शह-सवार ही मैदाने जंग में ,
वो तिफ़्ल क्या गिरेंगे जो घुटनों के बल चले .”
ये आदर्श तो मोदी को उपस्थित करना ही चाहिए आखिर जिस जहाज पर नेताओं की फ़ौज सवार हो रही है उसके कैप्टेन तो मोदी ही हैं और यदि कैप्टेन ही अपना हौसला खोये हुए हो तो बाकी यात्रियों का क्या होगा ?

शालिनी कौशिक
[कौशल ]

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