जाति-धर्म का भेद-भूलकर मिलकर दीप जलाएंगे -सहिष्णुता हेतु दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें
! मेरी अभिव्यक्ति !
791 Posts
2130 Comments
वसुंधरा के हर कोने को जगमग आज बनायेंगे , जाति-धर्म का भेद-भूलकर मिलकर दीप जलाएंगे . …………………………………………………………….. पूजन मात्र आराधन से मात विराजें कभी नहीं , होत कृपा जब गृहलक्ष्मी को हम सम्मान दिलायेंगें . ………………………………………………………………….. आतिशबाजी छोड़-छोड़कर बुरी शक्तियां नहीं मरें , करें प्रण अब बुरे भाव को दिल से दूर भगायेंगे . …………………………………………………………………… चौदह बरस के बिछड़े भाई आज के दिन ही गले मिले , गले लगाकर आज अयोध्या भारत देश बनायेंगे . ……………………………………………………………………….. सफल दीवाली तभी हमारी शिक्षित हो हर एक बच्चा , छाप अंगूठे का दिलद्दर घर घर से दूर हटायेंगे . ……………………………………………………………………. भ्रष्टाचार ने मारा धक्का मुहं खोले महंगाई खड़ी , स्वार्थ को तजकर मितव्ययिता से इसको धूल चटाएंगे . ……………………………………………………………………………. उल्लू पर बैठी लक्ष्मी से अंधी दौलत हमें मिले , अंधी भक्ति मिटाके अपनी गरुड़ पे माँ को लायेंगे . ………………………………………………………………………… बेरोजगारी निर्धनता ने युवा पीढ़ी भटकाई है , स्वदेशी को सही भाव दे इन्हें इधर ले आयेंगे . ………………………………………………………………. मंगलमय है तभी दीवाली खुशियाँ बिखरें चारों ओर , ”शालिनी”के दीप हजारों काम यही कर जायेंगे . ………………………………………………………………….
This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy. OK
Read Comments