Menu
blogid : 12172 postid : 746699

बीवी -डिबली की लौ -एक लघु कथा

! मेरी अभिव्यक्ति !
! मेरी अभिव्यक्ति !
  • 791 Posts
  • 2130 Comments

औरत के नाम में संपत्ति लेने पर स्टाम्प शुल्क में कमी हो जाती है दामोदर ने ये सोचा और झोपडी में रह रही अपनी बीवी को गाड़ी में बैठाकर रजिस्ट्री कार्यालय ले गया और बीवी के नाम में नई कोठी का बैनामा ले लिया .
दामोदर की नई कोठी में आज पार्टी थी .इसी शहर के ही नहीं बड़े-बड़े शहरों के बड़े-बड़े लोग इस भव्य शानदार पार्टी में मौजूद थे .शराब कॉफी सब चल रही थी तभी एक बोला ,”भई! ये कोठी तो दामोदर ने बीवी के नाम पर ली थी उसे नहीं बुलाया ?”…अरे ! उसके ऐसे भाग्य कहाँ जो दामोदर जैसे आत्ममुग्ध चतुर चालाक शिकारी के साथ रह सके,वह तो डिबली की लौ है और इसलिए झोपडी में ही जलती है ”……रवि के ऐसा कहते ही सारे दोस्त ठहाका लगाकर हंस पड़े और दामोदर हाथ बांधे उनकी बात सुन मुस्कुराता रहा .

शालिनी कौशिक
[कौशल ]

Tags:   

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply