Menu
blogid : 12172 postid : 697783

मोदी का एक और झूठ

! मेरी अभिव्यक्ति !
! मेरी अभिव्यक्ति !
  • 791 Posts
  • 2130 Comments

जशोदा बेन वह नाम जो गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी  की पत्नी का है पर सामने तब आया जब भाजपा ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने का फैसला किया और इस नाम को सामने लाये कॉंग्रेस  के महासचिव दिग्विजिय सिंह .स्वयं नरेंद्र मोदी ने कभी जशोदा बेन का नाम सामने नहीं आने दिया .उन्होंने सात फेरे लेने के बाद भी उनसे किये वचन तो निभाना दूर की बात है ,अपनी पत्नी का दर्जा तक उन्हें नहीं दिया .चुनाव लड़ने के लिए भरे जाने वाले प्रपत्र में वे स्टेटस भरने में पत्नी के नाम वाला कॉलम खाली छोड़ते रहे .आज ये नाम कॉंग्रेस की बदौलत पहचान पा चूका है तो इन्डियन एक्सप्रेस को भी चुनाव की इस शुभ घडी में उनके साक्षात्कार की याद आयी और वह साक्षात्कार ऐसा रहा कि कम से कम मोदी पर लगा भारतीय परंपरा के निर्वहन न कर पाने  का दाग तो धूल पाये .विवाह जो कि भारतीय संस्कृति  में महिलाओं के लिए होने वाला एक मात्र संस्कार है ,पति जो कि उसके लिए परमेश्वर के समान है पति का घर जहाँ वह केवल एक तमन्ना लेकर ही आती है कि मेरी अर्थी यहाँ से निकले और अब की तो कह नहीं सकते पर जिस समय की जशोदा बेन हैं उस समय तलाक का कानून इतने प्रचलन में नहीं था और जैसे भी हो घुट घुट कर भारतीय नारी अपनी ससुराल में ही अपना दम तोड़ देती थी या इच्छा रखती थी किन्तु यहाँ सब अलग जशोदा बेन कहती हैं कि मैंने उन्हें छोड़ने का फैसला स्वयं लिया ,वे तो पढ़नेको कहते थे जबकि जशोदा बेन ने ने स्वयं ससुराल में आकर पढाई छोड़ दी ,,वे जल्दी ससुराल में आने पर ऐतराज़ करते थे और जिस समय १५-१५ साल की लड़कियों की शादी हो जाती थी १२-१२ साल की लड़कियां बड़ी कही जाती थी उस समय इतनी आधुनिक सोच रखने वाल मोदी जी ही थे जो जशोदा बेन को १७ साल की उम्र में भी छोटी ही कहते थे कहने का मतलब साफ़ है कि यह साक्षात्कार पूरी तरह से मोदी को क्लीन चिट देने के उद्देश्य से रचित प्रतीत होता है क्योंकि इसमें इस सम्बन्ध को  न निभा पाने का  पूरा ठीकरा जशोदा बेन के माथे पर स्वयं उन्हीं के मुंह से फुड़वाया गया है  और तो और इसमें उनका फ़ोटो तक नहीं छापा गया वह भी यह कहकर कि उन्होंने मना कर दिया यहीं साफ़ है कि यह साक्षात्कार पूरी तरह से झूठा है और ऐसे व्यक्ति द्वारा दिया गया है जो इसके माध्यम से लाभ प्राप्त कर रहा है जनता में अपनी देश के नायक के योग्य होने की छवि बनाने का .हम सब जानते हैं कोई भी भारतीय नारी जो अपने पति को ही अपना देवता मानती हो और उससे इतर कोई महत्वाकांक्षा न रखती हो वह कभी अपने पति से अलग रहने का फैसला नहीं कर सकती हाँ अलग रह सकती है पर तभी जब उसका पति  उसे अपने जीवन से दूध में पड़ी मक्खी की तरह निकाल कर फैंक दे क्योंकि एक साधारण भारतीय नारी का एक ऐसे व्यक्ति के जीवन में कोई स्थान हो ही नहीं सकता जिसे दूसरों की पत्नियां ५० करोड़ की गर्ल फ्रेंड नज़र आती हों .

शालिनी कौशिक
[कौशल ]

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply