Menu
blogid : 12172 postid : 737266

संविधान पीठ के हवाले -सुप्रीम कोर्ट के सवाल-कानूनी स्थिति प्रश्न -2

! मेरी अभिव्यक्ति !
! मेरी अभिव्यक्ति !
  • 791 Posts
  • 2130 Comments

प्रश्न -२ क्या जिस मामले में राष्ट्रपति या राज्यपाल संविधान में मिले माफ़ी देने की शक्ति का इस्तेमाल कर चुके हों उस मामले में सरकार दंड प्रक्रिया संहिता की धरा ४३२-४३३ की शक्तियों का इस्तेमाल कर माफ़ी दे सकती है ?

कानूनी स्थिति -स्वरन सिंह बनाम उत्तर प्रदेश राज्य ,[१९९८]४ एससीसी.७५ उच्चतम न्यायालय ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद ७२/१६१ के अंतर्गत यदि राष्ट्रपति/राज्यपाल किसी कैदी के पक्ष में दंड के परिहार [remission] का आदेश जारी करते हैं तो उस आदेश के न्यायिक पुनर्विलोकन में न्यायालय उन आधारों के गुण-दोष के खोज नहीं करते जिनका अनुसरण करके परिहार का वह आदेश जारी किया गया है परन्तु जहाँ कतिपय सारवान तथ्यों को ,जैसे कि पिटीशनर द्वारा गंभीर अपराधों के अन्य दण्डित मामलों में अंतर्ग्रस्त होना ,पूर्व में करुणा की याचिका का अस्वीकृत कर दिया जाना ,कारागार प्राधिकारी की प्रतिकूल रिपोर्ट आदि ,राष्ट्रपति या राज्यपाल की सूचना में नहीं लाया जाता ,वहां इस निर्देश के साथ कि कानून के अनुसार फिर से दंड के परिहार का आदेश पारित किया जाये ,राष्ट्रपति या राज्यपाल के आदेश को विखंडित किया जा सकता है क्योंकि राष्ट्रपति या राज्यपाल की निरंकुश अथवा विद्वेषपूर्ण कार्यवाही न्यायिक पुनर्विलोकन से परे नहीं है . और इस प्रकार यदि न्यायिक पुनर्विलोकन द्वारा राष्ट्रपति या राज्यपाल का आदेश विखंडित किया जाता है तो समुचित सरकार ४३२-४३३ में अपनी शक्तियों का इस्तेमाल कर दोषी को माफ़ी दे सकती है .

शालिनी कौशिक [कानूनी ज्ञान ]

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply