हमारे मोहल्ले में एक व्यापारी चोरी का माल खरीदने और बेचने का कारोबार करता था। जब भी उसके यहाँ पुलिस की कोई रेड पड़ती वह आदमी अपनी पंहुच की बात उस पुलिस ऑफिसर को बता के उल्टे उस अधिकारी को ही धमका देता। बेचारा पुलिस ऑफिसर उसकी धोंस से कांपने लगता और भाग जाता।
इस बात की चर्चा शहर में हर तरफ होने लगी। व्यापारी भी अपने धोंस के किस्से बाजार में फैलाता रहता था ताकि सब कोई उससे डरते रहे। एक बार एक नया ऑफिसर आया उसने भी उस कारोबारी की चर्चा सुनी तो उसने ठान लिया कि जैसे ही कोई चोर पकड़ा जायेगा उसे लेकर वह चोरी का बरामद करने खुद जायेगा। लगे हाथ उसे एक चोर मिल भी गया। उसने हवालात से उस चोर को बुलाया उसके बयान को डायरी में नोट किया और उस व्यापारी के यहाँ माल बरामद करने के लिये रेड डाल दी। संयोग से वह व्यापारी भी मिल गया।
व्यापारी ने अपनी धोंस जमाते हुए कहा कि जानते नहीं ‘‘मैं कौन हूँ?’’
ऑफिसर – ‘‘जी नहीं!’’
व्यापारी – ‘‘मेरी पंहुच ….. तक है’’ तुमको पता नहीं होगा शायद? ‘‘आवाज पर जोर देते हुए कड़क से’’
ऑफिसर – ‘‘जी नहीं! आप चुप रहेगें की आपको भी हथकड़ी डाल दूँ?’’
व्यापारी – ‘‘तुम्हारा ट्रांसफर करावा दूंगा समझते हो न चुपचाप यहाँ से चले जाओ, लिख देना कि कुछ नहीं मिला इसी में भलाई है, व्यापारी ने रौब दिखाते हुए अपने आदमी की तरफ आँख से इशारा करते हुए कहा – ‘‘अरे कल्लू सा’ब को भीतर ले जाकर माल दिखा दो। सब समझ जायेगा।’’
ऑफिसर – ‘‘जी नहीं!’’ आप बहार आईये हम खुद देख लेंगे भीतर क्या-क्या रखा है। ऑफिसर ने चोर से पूछा ‘‘बोले क्या चोरी का माल इसी के यहाँ बेचा था? चोर – ‘‘जी सरकार’’
अबतक ऑफिसर की बात में अकड़ आ गई थी। उसने वे सारे माल भी बरामद कर लिये थे। तभी व्यापारी ने कहा हजूर! आपका फोन आया हुआ है। मंत्री जी लाइन पर आपका इंतजार कर रहें हैं।
ऑफिसर समझ गया कि बात जरूर ऊपर से शुरू होती है। फोन पर उसने बात की ‘‘ जी सर..ररर ‘‘जी ठीक है।’’
ऑफिसर- चोर को मारते हुए साला झूठ बोलता हैं सच..सच बता माल किसके यहाँ बेचा है?
चोर चिल्लाता रहा…. माँ कसम… आप बोलें तो अपने बच्चे की कसम खा लेता हूँ!! मैंने इसी व्यापारी के यहाँ सारा माल बेचा है। देखिये व फंखा, व टीवी हाँ… वे जेवरात…
ऑफिसर- हरामी.. चोर को गाली देते हुए.. चल साले थाने तेरी आज वह धुलाई करूँगा कि सारा सच अपने आप बहार आ जायेगा।
चोर अब तक समझ गया था। सॉरी सर गलती हो गई अब किसी को कुछ नहीं बोलूँगा।
(नोट: इस व्यंग्य में सभी पात्र नकली हैं।)
– शम्भु चौधरी 03.02.2014
हमारे मोहल्ले में एक व्यापारी चोरी का माल खरीदने और बेचने का कारोबार करता था। जब भी उसके यहाँ पुलिस की कोई रेड पड़ती वह आदमी अपनी पंहुच की बात उस पुलिस ऑफिसर को बता के उल्टे उस अधिकारी को ही धमका देता। बेचारा पुलिस ऑफिसर उसकी धौंस से कांपने लगता और भाग जाता।
इस बात की चर्चा शहर में हर तरफ होने लगी। व्यापारी भी अपने धोंस के किस्से बाजार में फैलाता रहता था ताकि सब कोई उससे डरते रहे। एक बार एक नया ऑफिसर आया उसने भी उस कारोबारी की चर्चा सुनी तो उसने ठान लिया कि जैसे ही कोई चोर पकड़ा जायेगा उसे लेकर वह चोरी का बरामद करने खुद जायेगा। लगे हाथ उसे एक चोर मिल भी गया। उसने हवालात से उस चोर को बुलाया उसके बयान को डायरी में नोट किया और उस व्यापारी के यहाँ माल बरामद करने के लिये रेड डाल दी। संयोग से वह व्यापारी भी मिल गया।
व्यापारी ने अपनी आदतन धौंस जमाते हुए कहा कि जानते नहीं ‘‘मैं कौन हूँ?’’
ऑफिसर – ‘‘जी नहीं!’’
व्यापारी – ‘‘मेरी पंहुच ……तक है’’ तुमको पता नहीं होगा शायद? ‘‘आवाज पर जोर देते हुए कड़क से’’
ऑफिसर – ‘‘जी नहीं! आप चुप रहेंगे की आपको भी हथकड़ी डाल दूँ?’’
व्यापारी – ‘‘तुम्हारा ट्रांसफर करावा दूंगा समझते हो न चुपचाप यहाँ से चले जाओ, लिख देना कि कुछ नहीं मिला इसी में भलाई है, व्यापारी ने पुनः रौब दिखाते हुए और अपने आदमी की तरफ आँख से इशारा करते हुए कहा – ‘‘अरे कल्लू सा’ब को भीतर ले जाकर माल दिखा दो। सब समझ जायेगा।’’ व्यंग्य कसते हुए ‘‘शायद नया आया है इस इलाके में? नई बिल्ली म्यांऊ..म्यांऊ..’’
ऑफिसर – ‘‘जी नहीं!’’ आप बहार आईये हम खुद देख लेंगे भीतर क्या-क्या रखा है। ऑफिसर ने चोर से पूछा ‘‘बोले क्या चोरी का माल इसी के यहाँ बेचा था? चोर – ‘‘जी सरकार’’
अबतक ऑफिसर की बात में अकड़ आ गई थी। उसने वे सारे माल भी बरामद कर लिये थे। तभी व्यापारी ने कहा हजूर! आपका फोन आया हुआ है। मंत्री जी लाइन पर आपका इंतजार कर रहें हैं।
ऑफिसर समझ गया कि बात जरूर ऊपर से शुरू होती है। फोन पर उसने बात की ‘‘ जी सर..ररर ‘‘जी ठीक है।’’
ऑफिसर- चोर को मारते हुए साला झूठ बोलता हैं सच..सच बता माल किसके यहाँ बेचा है?
चोर चिल्लाता रहा…. माँ कसम… आप बोलें तो अपने बच्चे की कसम खा लेता हूँ!! मैंने इसी व्यापारी के यहाँ सारा माल बेचा है। देखिये व फंखा, व टीवी हाँ… वे जेवरात…
ऑफिसर- हरामी.. चोर को गाली देते हुए.. चल साले थाने तेरी आज वह धुलाई करूँगा कि सारा सच अपने आप बहार आ जायेगा।
चोर अब तक समझ गया था। सॉरी सर गलती हो गई अब किसी को कुछ नहीं बोलूँगा।
This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy. OK
Read Comments