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हिन्दीभाषी बंगाल का गौरव – ममता बनर्जी

बात पते की....
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‘‘एक विशेष भेंटवार्ता में पश्चिमबंग की मुख्यमंत्री सुश्री ममता बनर्जी ने राज्य के रह रहे हिंदीभाषियों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने बंगाल का गौरव बढ़ाया है और यहां निवास करने वाले हिंदीभाषी बंगाल के समाज में बहुत पहले से ही ठीक उसी तरह घुल मिल चुके हैं जैसे दूध में शक्कर घुलता है। हम उस शक्कर को दूध से अलग नहीं करना चाहते। यह बात आपने सन्मार्ग समाचार के संपादक के साथ एक एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए कही।

कोलकाता में कल एक विशेष भेंटवार्ता में पश्चिमबंग की मुख्यमंत्री सुश्री ममता बनर्जी ने राज्य के रह रहे हिंदीभाषियों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने बंगाल का गौरव बढ़ाया है और यहां निवास करने वाले हिंदीभाषी बंगाल के समाज में बहुत पहले से ही ठीक उसी तरह घुल मिल चुके हैं जैसे दूध में शक्कर घुलता है। हम उस शक्कर को दूध से अलग नहीं करना चाहते। यह बात आपने सन्मार्ग समाचार के संपादक के साथ एक एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए कही। आपको जानकारी होगी अभी हाल ही सुश्री ममता बनर्जी खुद के दम-बल पर गत् 34 सालों से चले आ रहे वाममोर्चा सरकार को धूल चटा कर सत्ता पर काबिज होने के पश्चात से ही एक-एक कड़े और ठोस राजनैतिक निर्णय लेती जा रही है जिसमें दार्जिलिंग की समस्या और जंगलमहल जैसे आदिवासी इलाकों का विकास, सरकारी कर्मचारियों को समय पर वेतन उपलब्ध कराना। वहीं सत्ता के मदहोश में पार्टी के सदस्यों की गुंडागर्दी पर भी लगाम लगाते हुए आपने अपने ही दल के सभी सदस्यों को साफ कर दिया कि उनकी पार्टी का कोई भी सदस्य जनता के साथ अभद्र व्यवहार या चंदा उगाही में संलग्न पाया गया तो उसकी खैर नहीं। कल शाम ही कोलकोता में सुश्री ममता बनर्जी ने राज्य के उद्योग जगत से जुड़े 300 से अधिक राजस्थानियों को दीपावली मिलन के एक मिलन समारोह एक दावत दे कर उन्हें राज्य के विकास में साथ आने का निमंत्रण दिया जिसको लेकर मारवाड़ी समाज में अच्छी प्रतिक्रिया रही साथ ही आपने हिन्दी भाषा भाषी समाज के सामाजिक संगठनों को भी आह्वान किया कि वे आगे आकर बंगाल की कला-संस्कृति में भी अपना योगदान दें। आपने आगे कहा कि हिंदी समाज बंगाल की माटी में रच बस गया है बंगाल का हिंदीभाषी समुदाय यहाँ का अभिन्न अंग बन चुका है। आपने बंगाल के अतीत को याद करते हुए हिन्दी भाषाभाषियों के योगदानों का नमन करते हुए कहा कि उन्हें पिछली सरकार की ख़ामियों को नजरअंदाज कर पुनः एक बार फिर से राज्य के विकास में अग्रणी भूमिका निभानी होगी। आपके यह विचार उस समय आयें हैं जब महाराष्ट्र में श्री बाल ठाकरे व राज ठाकरे हिन्दीभाषियों पर भाषा के नाम अत्याचार करने में तूले हुए हैं। – कोलकाता से शंभु चौधरी की रिर्पोट

Written By: Shambhu Choudhary, Kolkata
http://ehindisahitya.blogspot.com/

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