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लो निकल आईं “सपने” की खुदाई में लोहे की कीलें !

तीखी बात
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asi-reuters_350_101813085030_101913111652 उन्नाव जिले के डौड़िया खेड़ा गांव में सोने की खोज आठ दिनों से चल रही है लेकिन वहां अभी तक सोने का एक सिक्का तक नहीं निकला… खुदाई में कुछ निकला है तो सिर्फ चुड़ियों के टुकड़े, लोहे की कीलें और मिट्टी के चूल्हे … एएसआई के अधिकारी कह रहे हैं कि हम ये खुदाई सोने के लिए नहीं बल्कि ऐसी ही पुरातात्विक चीजों के लिए कर रहे हैं साथ ही एएसआई का ये भी कहना है खुदाई में निकल रही चीजें आम आदमी के काम की न हों लेकिन एएसआई के लिए बहुत काम की हैं.. लेकिन अब सवाल उठता है कि संत शोभन सरकार के उस सपने का क्या जो खुदाई का आधार बना था और उस सपने की वजह से अंधविश्वास इतना बढ़ा कि डौड़िया खेड़ा गांव में मेले जैसा मजमा लग गया.. और लोग बाबा के सपने में दिखे 1000 टन सोने को निकलता देखने के लिए दूर दूर से आने लगे… साथ ही मीडिया का जमावड़ा भी बढ़ने लगा। जिसकी वजह से वहां धारा 144 लगा दी गई.. लेकिन इतना कुछ होने के बाद भी ज़मीन ने अभी तक सोना नहीं उगला.. हालांकि बाबा के समर्थक अभी भी सोने की उम्मीद तो लगाए बैठे हैं लेकिन कहीं न कहीं अब हिचक भी रहे हैं.. क्योंकि पहले ही इतना बखेड़ा खड़ा हो चुका है और अगर सोना नहीं निकला तो बहुत किरकिरी हो जाएगी.. किरकिरी इसलिए भी क्योंकि अगर ये ज़मीन से सोना निकलने का मामला सिर्फ गांव तक ही रहता तो ठीक था मगर ये तो पूरे विश्व में चर्चा का विषय बन गया और एक राजनीतिक मुद्दा भी… अब सरकार पीछे हटने के मूड़ में नहीं है वो खुदाई आगे भी जारी रखने के मूड़ में है और एएसआई कह रही है कि ‘हम कितनी गहराई तक खुदाई करेंगे ये कहना मुश्किल है. हर जगह के माप दंड अलग होते हैं. और बीस मीटर तक की खुदाई पुरातत्व की दृष्टि से बहुत बड़ी और कठिन बात है तो ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बाबा के सपने की गहराई तक एएसआई अब नहीं पहुंच पाएगी और अगर एएसआई सपनों की गहराई तक नहीं पहुंच सकती तो क्या इतना बखेड़ा सिर्फ लोहे की कीलें और चुड़ियों के टुकड़े खोजने के लिए ही किया गया था भाई अब तो लगता है कि संत शोभन सरकार के सपने का पीछा करते करते एएसआई के भी पसीने निकल गए हैं क्योंकि आठ दिन हो गए हैं अभी सोना तो नहीं निकला और अब मन बहलाने के लिए एएसआई कह रही है कि हमें दफन हुई महिला के गहने ही मिल जाएं वो ही हमारे लिए उपलब्धि होगी ।
shashank.gaur88@gmail.com

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