Menu
blogid : 22745 postid : 1110899

अभागी कूड़ादान

My Writing My Bosom Pal
My Writing My Bosom Pal
  • 10 Posts
  • 10 Comments

My new composition is completely dedicated to our PM Modi sir n team who have become a part of the campaign ‘Swacch Bharat Abhiyaan’.

अभागी कूड़ादान

कब से तड़प रहा हूँ
कोई तो सुनो चित्कार
एक दाना अन्न का मिला नही
बिलख रहा हूँ भूख से
कोई तो बनो मददगार
यूज़ मी कह-कहकर थक गया हूँ अब तो
कोई चलता राही करदो अहसान अब तो
भर दो इस भिखारी का घर आज तुम
कर दो तृप्त इस पेट को आज तुम
रखूँगा स्वच्छ व रोगमुक्त, बचाऊँगा आन
चमकेगा राष्ट्र तो बढ़ेगी शान
बस कर दो मुझ पर कृपा एक तुम
बचा लो मेरे डूबते प्राण
कोई नही आया सुनने उस अभागी की बात
पर सुन रही थी चलती सड़क दिन और रात
एकाएक फूट पड़ी वो दिखाके अभिमान
सुन रहा बेचारा कोने में पड़ा कूड़ेदान
भर कर अपनी किस्मत का दंभ
बोली सड़क अरे बेरंग!
देख, पान-पीको के मुझमें भरते हैं रंग
रंगबिरँग सजती हूँ कभी लाल-पीले के संग
चला था मेरी किस्मत को छीनने
मेरे अन्न-भण्डार को समेटने
दिखा दिया उस मानुस ने तुझे ठेंगा
कर दिया किनारा, दाना मुझको फेंका
दाने-दाने पर लिखा है खाने वाले का नाम
भगवान भी देता है छप्पर फाड़ ढेरों सामान
सुनकर, तिलमिला उठा कूड़ेदान
बोला, हे भाग्यवान!
जब दिया है मानुस ने अपना प्राणार्पण
फिर फैलाती हो क्यों संक्रमण
सड़क ने किया व्यंग
देख भाई, हो गयी बहुत हँसी-ठिठोली
साधू-संतों ने दिए हैं प्रवचन
अति है बुरी, एक दिन होता है अंत
फैलाया है देशवासियों नें रोग-अतिक्रमण
और कर दिया है मुझे भी बीमार संग
सुना है, एक देशरक्षक ने छेड़ी है जंग
दी श्रधांजलि गांधी जी को,
‘स्वच्छ भारत अभियान’ के रूप में करके सबको दंग
करती हूँ विनती, सुने समाज उसकी गुहार
हो जाए तेरा और मेरा भी बेड़ापार
क्योंकि कूड़ा कूड़े पर ही साजे
देश को स्वच्छ व रोगमुक्त राखे
दुर्भाग्य से रहा है सदैव ठप्पा विकासशील का
बने सफाई जागरूक व दें योगदान
तो सुदृढ़ व विकसित राष्ट्र का डंका बाजेे

शीतल अग्रवाल

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh