! अब लिखो बिना डरे !
- 580 Posts
- 1343 Comments
सियासत को अगर समझो जुबानें बंद रहने दो !
खिलाफत मत करो समझो जुबानें बंद रहने दो !
……………………………………………………..
बड़ी मक्कारियाँ कर के हवा अपनी बनाई है ,
बनो नादान मत यारों जुबानें बंद रहने दो !
………………………………………………..
मिला जो तख़्त तुमको भी नवाजेंगे ईनामों से ,
हमारी चाल चलने दो जुबानें बंद रहने दो
…………………………………………..
खफा होना है हो जाओ झुकेंगे हम नहीं हरगिज़ ,
इशारों को समझ जाओ जुबानें बंद रहने दो !
…………………………………………………..
हमेशा काटते शागिर्द ही उस्ताद की गर्दन ,
ये ‘नूतन’ सबको बतलाओ जुबानें बंद रहनें दो !
शिखा कौशिक ‘नूतन’
Read Comments