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कविता-”नेता जी है धरने पर !”[contest ]

! अब लिखो बिना डरे !
! अब लिखो बिना डरे !
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बैन है जीने मरने पर ,
नेता जी है धरने पर !
हाई फीवर ऑनेस्टी का
आता नहीं उतरने पर !!
……………………………….
नेता जी का है ऐलान ,
नहीं सहेंगे वे अपमान ,
होगा सड़कों पर सब काम ,
लोकतंत्र का लेकर नाम ,
बिन पानी के बादल बनकर
जोर है खूब गरजने पर !
नेता जी है धरने पर !
…………………………….
वो जो करते वही सही है ,
नेता जी ने कहा यही है ,
ध्वस्त व्यवस्था को कर देंगें ,
वरना इनका नाम नहीं है ,
हम हैं असली ‘आम आदमी ‘
लगे हैं साबित करने पर !
नेता जी है धरने पर !
………………………………….
आम आदमी की सरकार
आम आदमी ही लाचार ,
धरने , अनशन , नारेबाज़ी ,
कैसे पाये इनसे पार ?
बाँध के मफलर पहन के टोपी
झाडू फेरी सपनों पर !
नेता जी है धरने पर !

शिखा कौशिक ‘नूतन’

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