Menu
blogid : 12171 postid : 745635

खून के रिश्ते पानी होते हमने देखे .

! अब लिखो बिना डरे !
! अब लिखो बिना डरे !
  • 580 Posts
  • 1343 Comments

खून के रिश्ते पानी होते हमने देखे .

हमने लिहाज़ के टूटे बिखरे टुकड़े देखे ;
हमने माँ को गाली देते बेटे देखे .
………………………………………

जिनको गोद उठाकर अब्बा खुश होते थे ;
उनके कारण रोते हमने अब्बा देखे .
…………………………………………..

जो खाते थे एक रोटी में आधी आधी
भाई ऐसे क़त्ल भाई के करते देखे .
……………………………………………….

लाये थे लक्ष्मी कहकर जिसको अपने घर
उस लक्ष्मी को आग लगाते दानव देखे .
…………………………………………….

कोख में कलियों को मसलते माली देखे;
खून के रिश्ते पानी होते हमने देखे .

शिखा कौशिक
[विख्यात ]

Tags:   

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply