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बीजेपी के वीर -जसवंत महावीर
ऐसा नहीं है कि आज की भारतीय राजनीति में नेता -वीरों की कमी हो। इस मामले में बीजेपी अन्य राष्ट्रीय पार्टियों से ज्यादा भाग्यशाली है। जैसे कि हम सभी जानते हैं ”इस बार, मोदी सरकार ” का नारा लेकर राजनाथ सारथी बनकर श्री मोदी के विजय -रथ को लेकर चलने की तैयारी कर ही रहे थे कि आडवानी जी रथ के आगे धरना देकर बैठ गए। वे श्री मोदी को प्रधानमंत्री -पद का उम्मीदवार बनाने के पक्ष में नहीं थे। आडवानी जी ने अपने ब्रहमास्त्र ”पार्टी से त्यागपत्र ”द्वारा राजनाथ जी को बाँधने का प्रयास किया किन्तु चतुर राजनाथ जी ने अपनी राजनैतिक कुशलता का परिचय देते हुए आडवानी जी को मना लिया। कैसे ? ये तो ”जानि न जाये निसाचर माया ” की भांति छिपा हुआ ही है। रथ लेकर राजनाथ जी थोड़ा आगे बढे ही थे कि रथ की गति फिर से धीमी पड़ गयी। रथ का एक पहिया आडवानी जी ने और एक जसवंत जी ने रोक लिया था। दोनों मनचाहे संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहते थे जबकि मोदी सरकार की राय उनसे जुदा थी। आडवानी जी ने थोड़ी जोर आजमाइश के बाद पहिया फिर से छोड़ दिया पर जसवंत जी ये कहकर कि ”हम असली भाजपाई हैं ” मोदी सरकार के रथ का अगला दाँया पहिया निकाल कर ले गए। तीन पहियों पर भी राजनाथ जी रथ को अपनी सारथी की कुशलता दिखाते हुए दौड़ाने लगे पर पिक्चर अभी बाकी थी। उमा भारती जी ने अपनी वीरता का परिचय देते हुए मोदी सरकार के रथ की पताका ही काट डाली। अपनी भाषण -शैली पर इतराने वाले मोदी सरकार को ”अच्छे वक्ता नहीं ” कहकर उमा जी ने उनके अहंकार को मिटटी में मिला डाला। अब बीजेपी की त्रिमूर्ति में से एक मुरली मनोहर जोशी जी ने वाराणसी सीट छोड़ते समय तो अपनी वीरता को दबा लिया पर ये कहकर कि ”देश में मोदी की नहीं बीजेपी की लहर है ” अपनी वीरता का परिचय दे ही दिया। जो भी हो बाज़ी तो जसवंत सिंह जी ही मार कर ले गए हैं। मोदी सरकार के आगे जिसने सिर नहीं झुकाया महावीर तो वही हैं न और हाँ तीन पहियों का रथ कैसे लक्ष्य तक पहुंचेगा ये देखना भी रोचक होगा !!!
शिखा कौशिक ‘नूतन ‘
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