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मोदी के व्यव्हार में घमंड व् .गुरूर

! अब लिखो बिना डरे !
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क्या आपने श्री मोदी जी के व्यव्हार में घमंड व् .गुरूर का अवलोकन नहीं किया है !उनका अहम् हर बात में झलकता है –
* देश के पहले प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरू की योगयता पर सवाल खड़े करते हैं ?
*वे गुजरात में तरक्की को मात्र अपनी कोशिशों का नतीज़ा मानते हैं कभी सहयोगियों का जिक्र तक नहीं करते .
*नकली लाल किला बनवाकर जनता द्वारा चुने गए वर्तमान प्रधानमंत्री से स्वयं की तुलना ही नहीं करते बल्कि उनसे स्वयं को श्रेष्ठ भी घोषित करते हैं .
*खुद को पी.एम्. प्रत्याशी बनाये जाने पर ये नहीं कहते कि सुषमा जी को प्रत्याशी बनाया जाना चाहिए .जब सोनिया जी के सामने बीजेपी को कोई उम्मीदवार खड़ा करना था बेल्लारी में तब सुषमा जी को बलि का बकरा बनाया जाता है पर जब लोक सभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी चुना जाना हो तब एक राज्य के कलंकित मुख्यमंत्री को चुन लिया जाता है और वो स्वयं को ही सबसे योग्य मानकर अन्य अनुभवी व् प्रखर , राष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण पदों पर श्रेष्ठ कार्य करने वाले व्यक्ति को इस पद के काबिल कहकर शालीनता का परिचय नहीं देते .जब अपने से अधिक योग्य अपनी ही पार्टी के नेताओं के प्रति उनका ये व्यवहार है तब मजबूर जनता के साथ कैसी शालीनता दिखा सकते हैं श्री मोदी ?
* अपने से बीस साल छोटे राहुल जी से हर पल हर बात में अपनी तुलना करना .राहुल जी के प्रति अलोकतांत्रिक शब्दों का प्रयोग करना …इस घमंड के साथ देखो हम जो चाहे तुम्हें कह सकते है ….हमारा कर क्या सकते हो तुम ?
श्री मोदी का ये आचरण केवल भारतीय संस्कृति के विरूद्ध आचरण करने वालों को अच्छा लग सकता . मात्र इस आधार पर कि धर्म के नाम पर हिंदुओं को असुरक्षा की भावना से भरकर ज्यादा से ज्यादा वोट केवल श्री मोदी हो बीजेपी को दिला सकते हैं ,श्री मोदी को बीजेपी ने प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बना डाला गया .ये तो वक्त बतायेगा कि बीजेपी का ये निर्णय कितना सही साबित होगा पर कुछ परिणाम तो दिखने ही लगे हैं .श्री मोदी के दायें हाथ अमित शाह को उत्तर प्रदेश का बीजेपी प्रभारी बनाये जाते ही मुज़फ्फरनगर में दोनों समुदायों में असुरक्षा की भावना घर कर चुकी है .देश को बीजेपी के इस गलत निर्णय का कितना नुकसान भुगतना होगा ये भविष्य के गर्भ में है .
शिखा कौशिक ‘नूतन’

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