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”रिक्शावाले का प्यार !”

! अब लिखो बिना डरे !
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रविता सीमा से मिलने उसके घर पहुंची तो सीमा की ख़ुशी का ठिकाना न रहा . एक दुसरे का हाल-चाल पूछते पूछते रविता बोली – ” पता है सीमा मैं जिस रिक्शा से आई हूँ उसका चालक बहुत ही रोमांटिक है .एक से एक रोमांटिक सॉन्ग गाता है . आई एम इम्प्रेस्ड !” इस पर दोनों ठहाका लगाकर हंस पड़ी . सीमा अपनी हंसी रोकते हुए बोली -” कहीं तुम उसी रिक्शा वाले की बात तो नहीं कर रही जो अपनी रिक्शा को बहुत सजाये रखता है ?” रविता हाँ में गर्दन हिलाते हुए बोली -” हाँ..हाँ….वही तो …!!” सीमा रविता की हथेली अपनी हथेली में लेते हुए बोली ”अरे यार वो किसी लड़की को इम्प्रेस्ड करने के लिए नहीं गाता ये गाने ..उसे तो अपनी हर सवारी से प्यार है ..कल मेरी दादी जी उसी रिक्शा से आई थी .उन्होंने जब कल उस रिक्शा से उतरते हुए उस रिक्शा वाले से उसके रोमांटिक गाने गाने के बारे में पूछा कि ” मैं क्या तुझे सोलह साल की नज़र आती हूँ तब उसने दादी जी से कहा था कि उसे तो अपनी हर सवारी से प्यार हो जाता है .चाहे वो दादी जी हो या दादाजी ….कोई युवती हो या कोई युवक ..उसके लिए सब बस एक सवारी हैं और वे ही उसका चढ़ता-उतरता प्यार हैं .” रविता सीमा की इस बात पर मुस्कुराते हुए बोली -” कुछ भी कहो लॉजिक है बन्दे की बात में .” इस पर सीमा और रविता फिर से ठहाका लगाकर हंस पड़ी .

शिखा कौशिक ‘नूतन’

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