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बोलिये न साहब

Education in the hand of a Businessman
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ऐसे मत दुत्कारिये साहब, हम भी मेहनत से काम करते हैं, सरकारी वालों से तो ज़्यादा ही मेहनत लगता है प्राइवेट काम मे, और इतनी मशक्कत करने के बाद जो मालिक दे देता है उसी मे अपना घर चलते हैं| भीख तो नही माँगते न साहब, इज़्ज़त से जो पैसा मिलता है उसी मे खुश रहते हैं| कभी किसी से कोई शिकायत नही करते साहब, बस अपना नसीब समझ के रह लेते हैं ।

आप ही बताइए साहब, आज मालिक काम से निकाल दिया, कहाँ जाएँ अब? क्या करें? ग़लती भी नही बताता है, कहता है मन हुआ निकाल दिया, कुछ ग़लती ही बता दे मेरी तो मन को तसल्ली दिला दें की हाँ ग़लत देन तो निकाले गये ।

सोच-सोच के मरने की इच्छा होती है साहब, इतना आगे आ गये हैं अब पीछे कैसे मुड़ें, आप ही बताइए साहब कैसे पढ़ाएंगे बच्चों को, घर का किराया, महीने का राशन, माँ-बाप-बीबी-बच्चे कैसे होगा सब? मैं तो पागल हो जाऊंगा ।

बचा लीजिये मुझे सरकार बचा लीजिये, मैं मर गया तो परिवार का क्या होगा ? सोचता हूँ पहले सबको रात के खाने में जहर दे दूँ फिर खुद भी खा लूँ, हाँ यही सही रहेगा, फिर कोई नहीं तड़पेगा ।
बड़े-बड़े चौराहों से, चौड़ी-चौड़ी सडकों से, ऊँची-ऊँची इमारतों से, पेट नहीं भरता साहब, ये सब तो बस दिखावा लगता है साहब, ये शहरें काटने को दौड़ाती हैं जब मालिक तनख्वाह नहीं देता है कई कई महीने तक और फिर अचानक काम से निकाल देता है । आप तो बड़े लोग हैं साहब , कुछ करिये, कुछ तो भरोसा हो की हम भी काट लेंगे ये जिन्दगी ।

बहुत डर लगता है साहब, बहुत डर लगता है, आप तो मालिक के साथ फोटो खिंचाते हैं , वो अपने ऑफिस में लगाता है आपकी फोटो, डराता है, की देखो बड़े अफसर मेरे साथ हैं तुम लोग कुछ नहीं कर पाओगे, झूठ ही चिल्लाते हो तुम लोग, जैसे रखा हूँ चुप चाप काम करो ।
क्या यही सच है साहब ? आप बस मालिक की सुनेंगे , बताईये न साहब, कुछ तो बोलिये, चुप क्यों हैं साहब, ऐसे तो हम लोग मरते ही रहेंगे न साहब ।

आप मालिक से मिलने आते हैं, फीता भी काटते हैं, फोटो भी खींचाते हैं, बहुत अच्छा लगता है साहब, हम लोग बहुत मेहनत से सजाते हैं सब कुछ, पर आप तो कभी हमें देखते ही नहीं साहब, ऐसे नजरअंदाज कर देते हैं जैसे हम इस देश के ही नहीं, अब आप ही नहीं सुनेंगे तो किससे कहेंगे अपनी बात साहब, बताईये न साहब ।

क्या भारत हमारे लिए आजाद नहीं है साहब ???
कभी तो प्राइवेट में गुलामी कर रहे मजदूरों की सुध लीजिये साहब,
बोलिये न साहब, बोलिये न …

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