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प्यार- व्यार झूठी बातें हैं..

मैं कहता आंखन देखी
मैं कहता आंखन देखी
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प्यार- व्यार झूठी बातें हैं
खेल है बस स्वार्थ का सारा!
दिया प्रेम मिली है बस घृणा
सब जीते यहां मैं बस हारा !!

स्वार्थ की सारी समीपताएं
लेन- देन का यह संसार !
प्रेम का बस दिखावा करते
कपट; घात का इनका व्यवहार!!

अपनी जरुरत मासूम चेहरा
जरुरत दूसरों की कपट व्यवहार!
पग- पग पर देते हैं बस धोखे
सिर्फ कहने के बचे यहां यार!!

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