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कभी सारी ट्रेनें इसी कोयले से चला करती थीं ।

ख़ुराफ़ाती बालक
ख़ुराफ़ाती बालक
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दो ट्रेन एक साथ तीन पटरियों के गैप पर चल रही थीं,
दोनों में फर्क इतना था कि एक इंसानों को ढ़ोने वाली ट्रेन थी और एक कोयले को ढ़ोने वाली ।
दोनों ट्रेनें एक दूसरे को देखकर मुस्कुरा रही थीं
कि तभी इंसानों वाली ट्रेन धीमी हो गयी इसको धीमी देख कोयले वाली ट्रेन ने भी अपनी गति एकदम धीमी कर ली ।
जेसे ही इंसानों वाली ट्रेन ने  कोयले वाली ट्रेन को एकदम धीमा हुआ देखा , ये खूब तेजी से वहां से भाग निकली
कोयले वाली ट्रेन कुछ समझ न पायी और भागते हुए ट्रेन को दूर तक देखती रही ।
शायद वह सोच रही थी कि कभी सारी ट्रेनें इसी कोयले से चला करती थीं

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