Menu
blogid : 14350 postid : 728842

ये शाम …………..!

कुछ अनकही सी ............!
कुछ अनकही सी ............!
  • 31 Posts
  • 139 Comments

ये शाम ……!!!


ये तन्हा उदास दर्द भरी शाम

अलविदा कहती पत्तों की मुस्कान

कल आने के वादे पर होती सुरमई शाम


हाथ हिलाती अलविदा कहती

ज़ख्म एक नया दे ज़ख्म एक दफ़न करती

इंतज़ार के लम्हे सिलती ये शाम


दर्द के भवर में दर्द के लहर में

अनजाने गम से नाता जोडती या तोडती

रूठती मनाती खामोश लाल रंग लिए मिटती शाम


अनकहे बोलों में हज़ार लफ्ज़ लपेटे

अश्कों की जुबान खामोश लब

ख़ुदा जाने सुना रही कौन सा गीत ये शाम

~ श्वेत ~

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply