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बात १९९२ की है जब मै १२वी की परीक्षा देके घर पर था विद्यालय से एक पत्र आया क्या आप NCC के नेशनल कैंप मै जाना चाहोगे मैने तो हां कर दी पता नहीं था की जाना कहा है विद्यालय मै बुलाया और मै गया तो १४ लडकों का सलक्सन हुवा था NCC के कॅप्टन साहब ने बताया की १४ दिन का कैंप है पहले आपको नेनीताल जाना है उसके बाद आपको और पर्यटक स्थलों मै जाना है सुन के तो बड़ा मजा आया सपने देखने लगे की बड़ा मजा आएगा I १४ लडकों मै से ३ हम खास दोस्त थे गिरधर और महिपाल और दोनों ही बड़े दर्जे के सेतान I विद्यालय से एक लीटर का पानी का पीपा और कम्बल और NCC की ड्रेस दी गई और बस मै सवार होके नानिताल का सफ़र चालू हो गया रस्ते भर गाना गाते मोज मस्ती करते रास्ता कब कट गया पता ही नहीं चला शाम को नेनीताल पहुच गए बस अड्डा पर दो आर्मी के हवालदार खड़े थे जो हमको लेने आये थे ओ हमको जहा पर आर्मी थी ले गए एक बहुत बड़ा हौल था वहा पर रूकने के लिए कहा २० लड़के और भी थे जो दुसरे विद्यालय से आये थे I शाम को नेनीताल घुमे और रात का खाना खाया और सो गए और दुसरे दिन रोडवेज की गाड़ी से पोडीगडवाल के लैंसडाउन जाना था सूबे ६ बजे गाड़ी नेनीताल से अपने सफ़र को चल पड़ी रस्ते भर बड़ा आनंद आया लैंसडाउन बसअड्डा शाम को ४ बजे पहुचे बसअड्डा से आर्मी का ट्रक आया और हमें भेड़ बक रियों की तरह भर के ले गए ट्रक निचे से ऊपर की ओर चड़ा जा रहा था पहाड़ की सबसे उची चोटी पर जब ट्रक रूका तो एसा लगा मनो स्वर्ग पर पहुच गए हो ट्रक से उतरे चारो ओर नजर दोडाई सब जगह आर्मी के जवान दिखाई दे रहे थे ऐक हवलदार साहब हमारे पास आये और लाइन में खड़े होने को कहा सारेलड़के लाइन से खड़े हो गए थोड़ी देर में कर्नल साहब आये और आते ही आर्मी अंदाज में बोले आज केसे आगये आप लोग आपका कैंप तो कल से है सब ऐक दुसरे को देखने लगे अब क्या होगा आर्मी के नियम तो कड़े होते है कर्नल साहब ने कहा अब आ तो गए हो वापस तो जा नही सकते ऐक काम करो ४ – ४ रुपया पर कैडेट दो रात को आपके लिये खिचड़ी बना दी जाएगी और कर्नल साहब चलेगये I फिर ऐक आर्मी का ट्रक आया और ओ हमको बेरिक की ओर ले गया बेरिक जातेजाते अँधेरा हो गया ओर बेरिक में उजाले का कोई प्रबंध नहीं था ओर लडकों के पास बीडी सिगरट भी ख़तम हो गई थी अब पता लगाना था कैंटीन कहा है ओर लडकों ने ये जंग तो जीत ली ओर बीडी सिगरट ला के दुगने दाम पर ओर लडकों को बेच भी दिए फिर पानी का ऐक टंकर आया ओर सब ने आपनी बोतल भरी ओर ट्रक चल दिया बेरिक में हवलदार साहब आये ओर बोले ये पानी की बोतल को कल सूबे १० बजे तक चलाना है पिने से लेकर नहाने तक का पानी आपको दे दिया गया है ओर चले गए सब येही कहने लगे पागल तो नहीं ये ऐक लीटर पानी से ये सब कुछ केसे हो सकता है थोड़ी देर मै लांगरी खाना लेके आगये खिचड़ी बनी थी जो घी से तर थी सब की थाली मै खिचड़ी डाल के लांगरी बोला थाली को धोने की जरुरत नही है ओ सामने पेपर पड़े है खाने के बाद पोच लेना आपके पास कल सूबे तक पानी नहीं आएगा इसे मजाक मत समजना ये सब सुनने के बाद ये तो पक्का हो गया की १३ दिन काटने मुस्किल हो जायंगे जेसे तेसे ३ दिन कटे लडकों ने भागने की योजना बना ली मगर आर्मी कैंप से भागने का मतलब मोंत को दावत देना था I ये प्रोग्राम कैन्सिल हो गया ऐक घटना ओर घटी की आर्मी की सजा कैसे दी जाती है कंक्रीट के फिल्ड मै दोपहर के १२ बजे ऐक जवान को सिर्फ कच्छे मै सिर के बल गिरते जाना ओर ओ जवान फिल्ड के चक्र लगा रहा था ओर हमें बताया गया की ये जवान ऐक गलती की सजा प् रहा है वाके मै बहुत कटिन सजा थी I ऐक रात को तो गजब ही होगया हुवा यु की गिरधर ओर २-३ लोग जंगल से चीड की लकड़ी ले के आये ओ भी पियुर लिसा लगा हुवा गिरधर ने ऐक छोटी सी लकड़ी निकाली ओर आग लगा दी जो मोमबत्ती की तरह जलने लगी बेरिक मै ओर स्टैट के लड़के थे ऐक लड़का आया ओर बोला यार ये कौन सी लकड़ी है जो मोमबत्ती के माफिक जलती है हमें भी दो न उसके बोलने की देर थी हाँ क्यों नहीं १०० की तिल्ली पड़ेगी ओर उस बन्दे ने १०० में खरीद ली और उसे छोटे छोटे टुकड़ों में अपने २०-२५ लडकों को बाट दिया ओर सब मै आग दी अब बेरिक मै दिवाली का जेसा माहोल हो गया हम को तो मालोम था की अभी थोड़ी देर मै धुवा ही धुवा हो जायेगा और हम ३ लोग चादर ओडके सो गए जेसे हमको कुछ पता ही नहीं १० मिनट बाद २ हवलदार रिंच पाना लेके तेजी से बेरीक को आये और आते ही बोले इसमे लिख नहीं सकता हु बड़ी गन्दी सी गाली थी आग किसने लगाई सब बहार निकलो और सब को बहार लाइन से खड़ा करदिया बताओ आग किसने लगाई जब तक नहीं बताओगे खाना नहीं मिलेगा अब अतए कोंन कोई बताने को राजी नहीं फिर सबको १०० दंड लगाने को कहा १ दंड लगते ऊपर से ऐक बास का डंडा भी पड़ता चिल्लाने की आवाज आती ओ मर गए मरो जब तक बतावोगे नहीं पिछवाड़े से खून निकाल दंगे सारे लडकों की हालत देखने लायक थी और हम सबको हसी आ रही थी I
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